Baluchistan News:पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में एक बार फिर बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए बड़े हमले किए हैं। बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग करने वाले बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और अन्य विद्रोही समूहों ने इन हमलों को अंजाम दिया। इन हमलों से पाकिस्तान की सेना बैकफुट पर आ गई और कई महत्वपूर्ण इलाकों पर विद्रोहियों का कब्जा हो गया। इस हमले ने पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि यह पहले से ही संवेदनशील स्थिति में है।
हमले के स्थान और घटनाएँ
इन हमलों ने पाकिस्तान के कई प्रमुख शहरों और इलाकों को प्रभावित किया। बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तान के तुरबत, केच, क्वेटा और पंजगुर शहरों में हमला किया। तुरबत के डी बलोच इलाके में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमला हुआ, हालांकि अब तक हताहतों की संख्या की पुष्टि नहीं हो पाई है। इसी तरह, केच जिले के बुलेदा इलाके में जोरदार विस्फोटों और भारी गोलीबारी की घटनाएँ सामने आईं, जिससे सुरक्षा स्थिति और बिगड़ गई।पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा और पंजगुर में भी बड़े हमले किए गए। क्वेटा के हजारगंजी और फैजाबाद इलाकों में पाकिस्तानी सेना की चौकियों पर ग्रेनेड हमला किया गया। वहीं पंजगुर के वाशबोद इलाके में CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) हाइवे को बंद कर दिया गया, जहां हथियारबंद विद्रोहियों ने वाहनों की तलाशी ली और यात्रियों की पहचान जांची।
बलूच विद्रोहियों की कड़ी प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के सुरक्षाबलों ने इन हमलों को रोकने के लिए प्रतिक्रिया दी, लेकिन बलूच विद्रोहियों ने जल्दी ही इन इलाकों पर कब्जा कर लिया। पंजगुर में पुलिस वाहनों को जब्त कर लिया गया, और एक पुलिस थाने में आग लगा दी गई। इस हमले में ‘डेथ स्क्वाड’ नामक मिलिशिया का भी जिक्र किया जा रहा है, जिनके कमांडर कासिम के नेतृत्व में कुछ सदस्य घायल हो गए।इसके अलावा, हौशाब जिले में एक और बड़ा सशस्त्र अभियान हुआ, जिसमें विद्रोहियों ने इलाके का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। इस दौरान NADRA कार्यालय और लेविज स्टेशन को जला दिया गया। M8 CPEC हाइवे पर एक नाकेबंदी के दौरान 10 गैर-स्थानीय नागरिकों को बंधक बना लिया गया।
पाकिस्तान की सेना की प्रतिक्रिया और आगे की स्थिति
इस हमले के बाद, पाकिस्तान के सुरक्षाबल इन इलाकों में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन विद्रोहियों द्वारा किए गए हमले और उनकी बढ़ती ताकत ने पाकिस्तान के लिए गंभीर चुनौती पैदा कर दी है। इस संघर्ष ने बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग को और भी मजबूत किया है और पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।हालांकि, पाकिस्तान की सेना ने इन हमलों का कड़ा जवाब देने की धमकी दी है, लेकिन यह देखना होगा कि बलूच विद्रोहियों के साथ इस संघर्ष को पाकिस्तान कैसे संभालता है और क्या यह संघर्ष आगे बढ़ेगा। बलूचिस्तान के हालात पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं, और यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है।