Bharat Bandh: एससी-एसटी आरक्षण में उप-वर्गीकरण और क्रीमीलेयर निर्धारण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बुधवार को आयोजित भारत बंद का असर कुछ राज्यों में देखा गया, जबकि अन्य जगहों पर इसका प्रभाव कम रहा। बिहार और झारखंड में बंद का खासा असर दिखा, खासकर आदिवासी इलाकों में जनजीवन प्रभावित हुआ। हालाँकि, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और ओडिशा जैसे राज्यों में इस बंद का कोई विशेष प्रभाव नहीं देखा गया।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एससी-एसटी आरक्षण के तहत उप-वर्गीकरण और क्रीमीलेयर निर्धारण के संबंध में आया था, जिसके विरोध में विपक्षी दलों ने भारत बंद का आह्वान किया था। लेकिन, यह बंद राष्ट्रीय स्तर पर बहुत अधिक सफल नहीं हो पाया और सिर्फ कुछ राज्यों में ही इसका असर दिखा।
पटना में पुलिस की लाठीचार्ज
पटना के डाकबंगला चौराहे पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस क्रम में सिपाही ने गलती से सदर एसडीओ श्रीकांत कुण्डलिक खांडेकर पर ही लाठी चला ला दी। एसडीओ ने इसे मानवीय भूल बताया। शेखपुरा जिले में बंद समर्थकों ने पुलिस की पिटाई कर दी। इसमें एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। उत्तर बिहार में सप्तक्रांति एक्सप्रेस समेत चार ट्रेनें रोकी गईं।
बेगूसराय में तिनसुकिया अमृतसर एक्सप्रेस रोकी गई। आरा स्टेशन पर रानी कमलापति एक्सप्रेस को रोककर प्रदर्शन किया गया। पूर्वी चंपारण में आधा दर्जन बंद समर्थकों को हिरासत में लिया गया। बांका में प्रदर्शनकारियों के पथराव में थानाध्यक्ष सहित पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। छह लोगों को हिरासत में लिया गया है। निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पटना और अन्य इलाकों में प्रदर्शनों का नेतृत्व किया।