Chhattisgarh Naxalite encounter: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में 2025 की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ की खबर सामने आई है। इस मुठभेड़ में अब तक 12 नक्सली मारे गए हैं, जबकि 2000 से ज्यादा सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। यह मुठभेड़ दक्षिण बस्तर के घने जंगलों में चल रही थी, जहाँ नक्सलियों के छिपे होने की सूचना पुलिस को मिली थी। सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने त्वरित कार्रवाई की और संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया।
सुरक्षाबलों का संयुक्त ऑपरेशन
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन में बस्तर क्षेत्र की विभिन्न सुरक्षा बलों ने भाग लिया। इसमें शामिल थे – डीआरजी बीजापुर, डीआरजी सुकमा, डीआरजी दंतेवाड़ा, कोबरा बटालियन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 229 बटालियन। इन सभी सुरक्षा बलों ने मिलकर एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन चलाया, जो नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा हमला साबित हुआ। इस संयुक्त ऑपरेशन के तहत, सुरक्षाबलों ने जंगल के कई इलाकों को घेर लिया और नक्सलियों को नष्ट करने के लिए कड़ी कार्रवाई की।
सुरक्षा बलों की भारी तैनाती
2000 जवानों की भारी तैनाती ने ऑपरेशन को प्रभावी बनाने में मदद की। जंगलों में नक्सलियों के सक्रिय होने की खबर मिली थी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने हर इलाके में तलाशी अभियान तेज किया। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ पूरी रणनीति बनाकर मुठभेड़ की शुरुआत की, और नक्सलियों को ढेर करने में सफल रहे। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की ओर से अभी तक किसी नक्सली नेता की पहचान नहीं की गई है।
जंगल में घेराबंदी और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी
सुरक्षाबलों द्वारा पूरे जंगल को घेरने और नक्सलियों के ठिकानों की सटीक पहचान के बाद, मुठभेड़ में तेजी आई। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने जंगल के अंदर घेराबंदी की, जिससे नक्सलियों के पास बचने का कोई मौका नहीं बचा। ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ी गई, लेकिन सुरक्षा बलों ने अपनी मजबूती और संकल्प के साथ नक्सलियों को नष्ट करने में सफलता प्राप्त की।
आगे की रणनीति और नक्सलवाद के खिलाफ सख्ती
इस ऑपरेशन की सफलता छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अब और भी सख्त हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद भी जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की सुरक्षा एजेंसियां नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में अब तक कई सफलताएं हासिल कर चुकी हैं, और इस मुठभेड़ ने एक और उदाहरण प्रस्तुत किया है कि सुरक्षा बल नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।