Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण का मतदान पूरा होते ही एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने लगे हैं। इन नतीजों ने राज्य की सियासत में फिर से हलचल मचा दी है। विभिन्न सर्वे एजेंसियों द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल के अनुसार, बिहार में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए सरकार की वापसी की संभावना जताई जा रही है।
मतदान के दो चरणों के बाद मतदाताओं का झुकाव किस ओर रहा, इसका संकेत एग्जिट पोल के परिणामों से मिल रहा है। अब तक जारी आंकड़ों के मुताबिक, एनडीए गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है, जबकि विपक्षी गठबंधन को अपेक्षा के अनुरूप समर्थन नहीं मिल पाया है।
विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल के अनुमान
MATRIZE-आईएएनएस (Matrize–IANS) सर्वे के अनुसार, एनडीए गठबंधन को 147 से 167 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
जेवीसी (JVC) सर्वे का अनुमान है कि एनडीए को 135 से 150 सीटें मिल सकती हैं।
वहीं, पीपल्स इंसाइट (People’s Insight) और पोलस्ट्रेट (Polstrat) के सर्वे में भी एनडीए को बहुमत के करीब या उससे अधिक सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है
इन सभी सर्वेक्षणों का निष्कर्ष लगभग एक जैसा है — नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार दोबारा सत्ता में लौट सकती है।
महागठबंधन का प्रदर्शन कमजोर
जहाँ एनडीए को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है, वहीं महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन) अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर सका है। अधिकांश सर्वे में महागठबंधन को 70 से 90 सीटों के बीच सिमटते हुए दिखाया गया है। यह स्थिति 2020 के चुनावों की तुलना में गिरावट दर्शाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि महागठबंधन मतदाताओं को एकजुट करने में असफल रहा और एनडीए ने अपने विकास व स्थिरता के एजेंडे पर जनता का भरोसा कायम रखा।
मुख्य मुद्दे और मतदाताओं का रुझान
इस बार के चुनाव में विकास, रोजगार, कानून-व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। एनडीए ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों — जैसे सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार — को प्रमुखता से रखा।
दूसरी ओर, विपक्ष ने बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाया, लेकिन एग्जिट पोल के मुताबिक मतदाता अभी भी नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा जता रहे हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, एग्जिट पोल के ये नतीजे भले ही अंतिम नहीं हैं, लेकिन ये जनता के मूड की झलक अवश्य देते हैं। अगर ये अनुमान सही साबित हुए, तो नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता में लौटेंगे और यह उनका आठवां कार्यकाल हो सकता है।
कुछ विश्लेषक यह भी मानते हैं कि एनडीए का प्रदर्शन भाजपा के मजबूत चुनाव प्रबंधन और जमीनी स्तर पर संगठन की सक्रियता के कारण बेहतर रहा है।

