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बिहार एग्जिट पोल 2025: नीतीश कुमार की वापसी तय! एनडीए को बहुमत के आसार, राजद बनी सबसे बड़ी पार्टी

Bihar Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं, और एक बार फिर से नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के संकेत मिल रहे हैं। राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान संपन्न हुआ। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को आयोजित किया गया था। अब सभी की निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब आधिकारिक नतीजे घोषित किए जाएंगे।

एग्जिट पोल्स में एनडीए को बढ़त, महागठबंधन को झटका

सभी प्रमुख एग्जिट पोल्स के मुताबिक, बिहार में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) एक बार फिर सत्ता में लौटता दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एनडीए को 121 से 141 सीटों तक मिलने का अनुमान है। वहीं महागठबंधन (राजद-कांग्रेस गठबंधन) को इस बार बड़ा नुकसान होता दिख रहा है।

हालांकि, सभी सर्वेक्षणों में एक समानता नहीं है। एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। इसका अर्थ यह है कि भले ही एनडीए गठबंधन को बहुमत मिल जाए, लेकिन अकेले दल के रूप में राजद का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहने की उम्मीद है।

Today’s Chanakya का अनुमान – 44% वोट शेयर एनडीए के पक्ष में

लोकप्रिय सर्वे एजेंसी Today’s Chanakya ने अपने एग्जिट पोल में दावा किया है कि बिहार में एनडीए को लगभग 44 प्रतिशत वोट शेयर मिलने की संभावना है। यह आंकड़ा 2020 के चुनाव की तुलना में एनडीए के लिए मजबूत स्थिति को दर्शाता है। वहीं, महागठबंधन को करीब 38-39 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया गया है।

अगर यह अनुमान सही साबित होते हैं, तो बिहार की सत्ता में नीतीश कुमार एक बार फिर अपनी जगह बना सकते हैं। भाजपा और जद(यू) गठबंधन को इस चुनाव में ग्रामीण इलाकों और महिला मतदाताओं से अच्छा समर्थन मिलने की संभावना जताई गई है।

राजद की स्थिति – वोट प्रतिशत बढ़ा, लेकिन सीटें कम

हालांकि राजद (राष्ट्रीय जनता दल) को इस बार भी राज्य में सबसे बड़ा वोट बैंक हासिल रहने का अनुमान है, लेकिन सीटों के लिहाज से पार्टी एनडीए से पीछे रह सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुस्लिम-यादव समीकरण और युवा वोटर्स में राजद को समर्थन मिला है, लेकिन सीटों के वितरण में गठबंधन का समीकरण उसके खिलाफ जा सकता है।

तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन ने इस बार रोजगार, शिक्षा और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर जोरदार प्रचार किया, जबकि एनडीए ने केंद्र और राज्य सरकार की विकास योजनाओं को मुख्य एजेंडा बनाया।

बिहार की राजनीति में नीतीश का फिर जलवा

अगर एग्जिट पोल्स के नतीजे वास्तविक नतीजों से मेल खाते हैं, तो यह बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की एक और वापसी होगी। पिछले दो दशकों से बिहार की सियासत में नीतीश एक केंद्रीय चेहरा रहे हैं। 2025 का यह चुनाव उनके लिए बेहद अहम माना जा रहा था, खासकर विपक्षी गठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ फिर से तालमेल बनाने के बाद।

14 नवंबर को साफ होगी तस्वीर

अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर हैं, जब मतगणना के नतीजे सामने आएंगे। अगर एग्जिट पोल्स सही साबित होते हैं, तो बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनेगी और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि एग्जिट पोल्स अक्सर भ्रमित करने वाले साबित होते हैं और वास्तविक नतीजे महागठबंधन के पक्ष में आ सकते हैं। अब देखना यह होगा कि 14 नवंबर को जनता के फैसले से बिहार की सियासत में कौन-सा नया अध्याय शुरू होता है।

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