Canada-China Relations: कनाडा सरकार ने चीन की प्रमुख निगरानी उपकरण निर्माता कंपनी हिकविजन (Hikvision) को लेकर एक बड़ा फैसला लेते हुए उसके देश में चल रहे सभी ऑपरेशंस को बंद करने का आदेश जारी किया है। यह फैसला देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। इस आदेश के अनुसार, हिकविजन को कनाडा में अब किसी भी तरह के व्यवसायिक गतिविधि करने की अनुमति नहीं होगी।कनाडा की उद्योग मंत्री मेलानी जोली ने 27 जून 2025 को आधिकारिक बयान में कहा कि, “हमारी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया कि हिकविजन का कनाडा में संचालन हमारी डिजिटल और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विवादों में रही है हिकविजन
हिकविजन का नाम पहले भी अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर आ चुका है।
अमेरिका ने पहले ही इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर रखा है।
यूरोपीय संघ में भी इस पर निगरानी, मानवाधिकार उल्लंघन और सुरक्षा चिंताओं को लेकर सवाल उठ चुके हैं।
आरोप है कि हिकविजन के उपकरणों का इस्तेमाल चीन सरकार द्वारा उइगर मुसलमानों की निगरानी और उनके उत्पीड़न में किया गया है।
इस पृष्ठभूमि में कनाडा का यह कदम सिर्फ एक तकनीकी प्रतिबंध नहीं, बल्कि एक राजनयिक संदेश भी है कि वह अपने साइबर स्पेस की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की ढील नहीं देगा।
चीन-कनाडा संबंधों में बढ़ सकता है तनाव
पिछले कुछ वर्षों से कनाडा और चीन के रिश्तों में लगातार खटास बढ़ती जा रही है।
हुवावे कंपनी को लेकर विवाद,
कनाडाई नागरिक माइकल कोवरिग और माइकल स्पावोर की चीन में गिरफ्तारी,
और हांगकांग की नीति जैसे मुद्दों पर दोनों देशों के बीच पहले ही तनाव रहा है।
अब हिकविजन पर प्रतिबंध ने इस कूटनीतिक असंतुलन को और गहरा कर दिया है। बीजिंग इस कदम को निश्चित रूप से “राजनीतिक प्रेरित” और “तकनीकी राजनीति” कह सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और राजनयिक संवाद प्रभावित हो सकते हैं।
डिजिटल सुरक्षा पर कनाडा की प्राथमिकता
कनाडा का यह कदम यह स्पष्ट करता है कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षा को लेकर वह किसी तरह का समझौता नहीं करेगा।
इस निर्णय से यह संदेश जाता है कि चाहे कोई भी देश या कंपनी हो, अगर वह कनाडा की सुरक्षा नीति के खिलाफ काम करता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।