27 जनवरी को शुरू हुआ मशहूर कुकिंग रियलिटी शो ‘सेलिब्रिटी मास्टर शेफ’ अब अपने अंतिम मुकाम पर पहुंच चुका है। ढाई महीने तक चले इस स्वाद और हुनर के मुकाबले ने दर्शकों को खूब लुभाया। सोनी टीवी पर प्रसारित इस शो में कुल 12 सेलिब्रिटी कंटेस्टेंट्स ने हिस्सा लिया, जिनमें से हर किसी ने अपनी कुकिंग स्किल्स और क्रिएटिविटी से दर्शकों और जजों को प्रभावित करने की पूरी कोशिश की।
तीन दिग्गज जजों के सामने चला स्वाद का मुकाबला
शो के निर्णायक मंडल में भारत के तीन नामी शेफ शामिल थे — रणवीर बरार, फराह खान, और विकास खन्ना। इन तीनों ने कंटेस्टेंट्स की हर डिश को बारीकी से जांचा और सिर्फ स्वाद ही नहीं, प्रेजेंटेशन, इनोवेशन और किचन में अनुशासन जैसे पहलुओं पर भी उन्हें परखा। शुरुआत में 12 प्रतियोगी थे, लेकिन शो के बढ़ते पड़ाव में मुकाबला कड़ा होता गया और अंत में केवल 5 फाइनलिस्ट ही बच सके।
तेजस्वी प्रकाश बनीं फिनाले की मजबूत दावेदार, फिर भी चूकीं ट्रॉफी से
तेजस्वी प्रकाश, जो अपनी एक्टिंग के साथ-साथ इस शो में अपनी कुकिंग से भी खूब तारीफें बटोर रही थीं, को फिनाले की सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। उन्होंने हर राउंड में शानदार प्रदर्शन किया और कई बार जजों से ‘बेस्ट डिश ऑफ द डे’ का खिताब भी जीता। लेकिन ग्रैंड फिनाले में उनसे थोड़ी चूक हो गई, और वो ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर पाईं।
इस कंटेस्टेंट ने मारी बाज़ी, जीती मास्टर शेफ ट्रॉफी
फिनाले एपिसोड में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला, लेकिन अंत में एक कंटेस्टेंट ऐसा निकला जिसने अपनी क्रिएटिव डिश और परफेक्ट बैलेंस ऑफ फ्लेवर से सभी जजों का दिल जीत लिया। उनकी डिश को न केवल बेहतरीन प्रजेंटेशन के लिए सराहा गया, बल्कि उसका स्वाद भी अविस्मरणीय बताया गया। इसी के साथ उन्हें ‘सेलिब्रिटी मास्टर शेफ’ सीजन विनर घोषित किया गया और ट्रॉफी उनके नाम हो गई।
दर्शकों को मिला मनोरंजन और कुकिंग से जुड़ी प्रेरणा
इस सीजन ने दर्शकों को न सिर्फ मनोरंजन दिया, बल्कि उन्हें यह भी दिखाया कि सेलेब्रिटीज भी किचन में उतरकर कितनी मेहनत करते हैं। शो में दिखाए गए व्यंजन, रेसिपी और कुकिंग टिप्स को आम दर्शकों ने भी सराहा और सीखा।
शानदार कुकिंग जर्नी का हुआ ग्रैंड फिनाले
‘सेलिब्रिटी मास्टर शेफ’ का यह सीजन न सिर्फ रोमांचक था, बल्कि कई प्रतिभाओं को उजागर करने वाला भी रहा। तेजस्वी प्रकाश भले ही ट्रॉफी न जीत पाईं, लेकिन उन्होंने दर्शकों का दिल जरूर जीत लिया। वहीं, जीतने वाले कंटेस्टेंट ने यह साबित कर दिया कि अगर जुनून और मेहनत हो, तो कोई भी रसोई का उस्ताद बन सकता है।