Chamoli Avalanche:उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा में एक भयंकर हिमस्खलन हुआ, जब एक ग्लेशियर टूटकर नीचे आ गिरा। इस हादसे में बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन) के कैंप को बड़ा नुकसान हुआ। घटनास्थल पर लगभग 57 मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें से 32 को अब तक सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। सेना और आईटीबीपी (इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस) की टीम ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जो अभी भी जारी है।
रेस्क्यू अभियान में रुकावटें
घटना के बाद से रेस्क्यू कार्य में भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। माणा क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हो रही है। बीआरओ कैंप में काम कर रहे मजदूरों में अधिकतर पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से थे। स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ (उत्तराखंड राज्य आपातकालीन सेवा) को हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को घटनास्थल पर भेजने की तैयारी की जा रही है, लेकिन बर्फ से ढके रास्ते और खराब मौसम के कारण ऑपरेशन को रोका गया है।
मलबा और हिमस्खलन से बंद हुआ राजमार्ग
उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डबरानी के पास मलबा और हिमस्खलन के कारण मार्ग बंद हो गया है। गंगनानी से डबरानी के बीच लगातार बारिश के कारण पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं, जिससे रास्ता और भी अवरुद्ध हो गया है। इस मार्ग के बंद होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही समस्याएं बढ़ गई हैं।
गृहमंत्री का बयान और राहत कार्य
भारत सरकार के गृहमंत्री अमित शाह ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से बातचीत कर उन्होंने राहत कार्यों की स्थिति की जानकारी ली। गृहमंत्री ने कहा कि इस हादसे में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना सरकार की प्राथमिकता है और स्थानीय प्रशासन ने पूरी तत्परता से बचाव कार्यों को तेज कर दिया है।
भविष्यवाणी और मौसम की स्थिति
उत्तराखंड के विभिन्न जिलों जैसे उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पिथौरागढ़, और बागेश्वर में 3200 मीटर और उससे ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि इन क्षेत्रों में हिमस्खलन की घटनाएं हो सकती हैं, जिससे रेस्क्यू कार्य में और कठिनाई हो सकती है।
ड्रोन ऑपरेशन की कठिनाई
एसडीआरएफ ने ड्रोन की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन की तैयारी की थी, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण ड्रोन ऑपरेशन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। मौसम में सुधार होते ही ड्रोन की टीम को घटनास्थल पर भेजा जाएगा, ताकि अधिकतम मदद मिल सके।
उम्मीद जताई जा रही है कि जैसे ही मौसम बेहतर होगा, रेस्क्यू टीम राहत और बचाव कार्य को तेजी से आगे बढ़ा सकेगी। अब तक की स्थिति में 32 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन अभी भी 25 लोग लापता हैं।