हाल ही में एक भक्त ने दावा किया कि तिरुपति के प्रसिद्ध वेंकटेश्वर मंदिर में दिए गए प्रसाद में कीड़े पाए गए थे। हालांकि, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है।
घटना और शिकायत
यह घटना 2 अक्टूबर, बुधवार को दोपहर 1:30 बजे की है, जब मंदिर में दोपहर का भोजन परोसा जा रहा था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, चंदू नामक एक भक्त, जो वारंगल से दर्शन के लिए तिरुपति मंदिर आए थे, ने शिकायत की थी कि उन्हें दही चावल में एक कनखजूरा (कीड़ा) मिला। चंदू ने बताया कि जब उन्होंने इस मुद्दे को मंदिर के कर्मचारियों के सामने उठाया, तो उनकी प्रतिक्रिया बेहद चौंकाने वाली थी। कर्मचारियों ने कहा, “ऐसा कभी-कभी हो जाता है।”
चंदू ने आगे कहा कि मंदिर के अधिकारियों ने इसे एक मामूली घटना करार देते हुए दावा किया कि यह कीड़ा प्रसाद में इस्तेमाल की जाने वाली पत्ती से आया हो सकता है। हालांकि, उन्होंने इस सफाई को खारिज करते हुए इसे गंभीर लापरवाही बताया। चंदू ने कहा, “अगर इसे बच्चे या अन्य लोग खा लेते, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होता?” उन्होंने इस घटना को मंदिर प्रशासन की ओर से बड़ी गलती बताया और कहा कि यह अस्वीकार्य है।
टीटीडी का खंडन
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने इस मामले में तत्काल प्रतिक्रिया दी और आरोपों को पूरी तरह से झूठा और निराधार करार दिया। टीटीडी के अधिकारियों ने कहा कि मंदिर में रोजाना हजारों भक्तों के लिए ताजा और शुद्ध प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसमें किसी तरह की अशुद्धि या कीड़ा मिलने का सवाल ही नहीं उठता।
टीटीडी ने आगे स्पष्ट किया कि श्रीवारी दर्शन के लिए आने वाले हजारों भक्तों के लिए हर दिन गर्म और ताजा अन्न प्रसादम तैयार किया जाता है। संस्था ने कहा कि ऐसे दावों का कोई आधार नहीं है कि भोजन में कोई कनखजूरा गिर सकता है। टीटीडी ने यह भी कहा कि इस तरह की शिकायतें भक्तों को भगवान वेंकटेश्वर में उनकी आस्था से भटकाने की कोशिश हैं और इसका उद्देश्य संस्था की प्रतिष्ठा को धूमिल करना है।
आस्था पर सवाल उठाने का आरोप
टीटीडी ने भक्त की इस शिकायत को सिरे से खारिज करते हुए इसे बदनाम करने का षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन हमेशा भक्तों की सेवा में सतर्क रहता है और उनके लिए तैयार किए गए प्रसाद की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाती। टीटीडी ने यह भी दावा किया कि इस तरह के झूठे आरोप भक्तों की आस्था को कमजोर करने के लिए लगाए जा रहे हैं और यह मंदिर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का एक प्रयास है।
टीटीडी ने भक्तों से अपील की है कि वे ऐसे बेबुनियाद आरोपों पर ध्यान न दें और भगवान वेंकटेश्वर में अपनी आस्था बनाए रखें।