Kedarnath: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की यात्रा मार्ग पर बादल फटने के कारण हजारों तीर्थयात्री फंस गए हैं। प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जो गुरुवार की रात 11 बजे तक चला। शुक्रवार को एक बार फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। लिनचौली से रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की गई और केदारनाथ धाम में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए चिनुक हेलिकॉप्टर की मदद ली गई। गौरीकुंड मार्ग पर लगातार पत्थर गिरने के कारण पैदल रेस्क्यू ऑपरेशन संभव नहीं हो पाया।
एसडीआरएफ की तत्परता
गुरुवार की देर रात तक एसडीआरएफ उत्तराखंड के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा और मुनकटिया क्षेत्र से 450 यात्रियों को सकुशल सोनप्रयाग पहुँचाया। अब तक 2200 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और आज भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा। वहीं, रामनगर, नैनीताल के चकलुवा और हल्द्वानी के पास नाले में तेज बहाव के कारण पेड़ उखड़ गए और सड़क बह गई हैं।
हेल्पलाइन नम्बर जारी
रुद्रप्रयाग पुलिस ने केदारनाथ धाम यात्रा के पैदल मार्गों में फंसे यात्रियों और उनके परिजनों के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किए हैं। एक दिन पहले हुई अतिवृष्टि के चलते यात्रा मार्ग के कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त होने के कारण यात्रियों को हेलीकोप्टर और रेस्क्यू टीमों (एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला आपदा प्रबंधन, जिला पुलिस) के सहयोग से पैदल लाते हुए रेस्क्यू किया जा रहा है।
नेटवर्क की समस्या और पुलिस की सहायता
केदारघाटी में उत्पन्न इन हालातों के कारण नेटवर्क की समस्या बनी हुई है और यात्रियों के परिजनों का आपस में संपर्क नहीं हो पा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने यात्रियों और आम जनता की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किए हैं। रुद्रप्रयाग पुलिस के कंट्रोल रूम के नम्बर 7579257572 और पुलिस कार्यालय के लैंडलाइन नम्बर 01364-233387 को हेल्पलाइन के रूप में शुरू किया गया है। यदि ये नम्बर व्यस्त हों, तो आपातकालीन नम्बर 112 पर कॉल करके आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इस प्रकार, प्रशासन और रेस्क्यू टीमें पूरी तत्परता के साथ काम कर रही हैं और यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। यात्रियों और उनके परिजनों से अनुरोध है कि वे धैर्य बनाए रखें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।