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अयोध्या में सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान: बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर चिंता और अयोध्या के विकास की बात

UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हाल ही में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिंदुओं की बिगड़ती स्थिति पर गंभीर चिंता जताई। सीएम योगी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर मौन हैं क्योंकि उन्हें अपने वोट बैंक की चिंता है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये पार्टियां बांग्लादेश के हिंदुओं की पीड़ा पर ध्यान नहीं दे रही हैं क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनके वोट बैंक पर असर पड़ सकता है।

सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों के मन में भारतीयता का कोई भाव नहीं है, वे दुनिया के किसी भी कोने में हो रहे हिंदू अत्याचार पर आवाज नहीं उठाते। उन्होंने कहा, “वह लोग जिनके मन में यह भाव नहीं है कि दुनिया के किसी कोने में हिंदू प्रताड़ित हो रहे हैं, वे केवल अपने वोट बैंक को बचाने के लिए चुप्पी साधे हुए हैं। जब उन्हें अत्याचार और हिंसा में अपने वोट बैंक की छवि नजर आती है, तब वे हमारे हितेषी कैसे हो सकते हैं?”

उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति सिर्फ एक छोटी सी सच्चाई है। वहां की 90 प्रतिशत हिंदू आबादी दलित समुदाय से आती है। सीएम योगी ने यह भी आरोप लगाया कि बांग्लादेश के हिंदुओं पर चुप्पी साधने का कारण यह है कि वे विपक्षी दलों के वोटर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमें बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा करनी चाहिए और उनकी पीड़ा के साथ खड़ा रहना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हमारी भावनाओं का किसी के साथ खिलवाड़ न हो सके।

अयोध्या में विकास कार्यों पर सीएम योगी की टिप्पणी

सीएम योगी ने अयोध्या के विकास को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अब इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुविधा है और शहर की सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है। अयोध्या का विकास कार्य तेजी से चल रहा है और उसकी पहचान विश्व स्तर पर अलग बन रही है। सीएम योगी ने यह भी कहा कि जब कुछ लोग सवाल उठाते थे कि अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर बनेगा या नहीं, तब उन्होंने हमेशा आश्वस्त किया कि मंदिर बनेगा और यह विश्वास पूरा हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, तब हमारे धार्मिक स्थल और संस्थान लोक-कल्याण के अभियानों में सक्रिय थे। सीएम योगी ने इस बात पर जोर दिया कि धर्माचार्य और धार्मिक संस्थान समाज की भलाई के लिए लगातार काम कर रहे हैं, और यह सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है कि धार्मिक आस्थाओं के प्रति किसी भी प्रकार की अनादर की स्थिति न बने।

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