Bangladesh Violence: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा का मुद्दा अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उठने लगा है। हाल ही में, दो अमेरिकी सांसदों ने बाइडन प्रशासन से इस मामले में सीधे हस्तक्षेप करने की मांग की है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इन सांसदों ने कहा है कि बांग्लादेश में धार्मिक असहिष्णुता और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले केवल क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं, जो अमेरिका और उसके सहयोगियों के हित में नहीं है।
बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद जैसे संगठनों की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार के इस्तीफे और देश छोड़ने की अफवाहों के बाद से ही अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामले तेज़ी से बढ़ गए हैं। इन संगठनों के अनुसार, अब तक बांग्लादेश के 52 जिलों में 205 से अधिक हमलों की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन हमलों में हिंदू समुदाय के लोग मुख्य रूप से निशाने पर रहे हैं।
भारत की ओर पलायन की कोशिश
बांग्लादेश में हिंसा से बचने के लिए हजारों हिंदू अब पड़ोसी देश भारत की ओर पलायन करने की कोशिश कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल बांग्लादेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए चिंताजनक है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर अमेरिका, से इस स्थिति पर ध्यान देने और हस्तक्षेप करने की मांग की जा रही है ताकि बांग्लादेश में धार्मिक असहिष्णुता को रोका जा सके।
अमेरिका का संभावित कदम
अमेरिकी सांसदों ने स्पष्ट किया है कि बांग्लादेश में इस प्रकार की अस्थिरता और हिंसा अमेरिका या उसके सहयोगियों के हित में नहीं है। इसलिए, उन्होंने बाइडन प्रशासन से मांग की है कि वे इस मामले में सीधे हस्तक्षेप करें और बांग्लादेश की सरकार पर दबाव डालें कि वह अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है और क्या बांग्लादेश की सरकार इस अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करते हुए अपने देश में शांति और सुरक्षा स्थापित कर पाती है।