कांग्रेस ने राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में कई चौंकाने वाले नाम शामिल हैं, जो पार्टी की चुनावी रणनीति को दर्शाते हैं। झुंझुनू से अमित ओला को टिकट दिया गया है, जो सांसद बृजेन्द्र सिंह ओला के बेटे हैं। इसके अलावा, रामगढ़ से पूर्व विधायक दिवंगत जुबैर खान के पुत्र आर्यन जुबैर को उम्मीदवार बनाया गया है। अन्य उम्मीदवारों में दौसा से दीनदयाल बैरवा, देवली उनियारा से कस्तूर चंद मीणा, सलूंबर से रेशमा मीणा और चौरासी से महेश रोत शामिल हैं।
खींवसर सीट पर सवाई सिंह चौधरी का इस्तीफा
कांग्रेस ने खींवसर सीट पर डॉ. रतन चौधरी को टिकट दिया है, जो रिटायर्ड डीआईजी सवाई सिंह चौधरी की पत्नी हैं। सवाई सिंह पहले आरएलपी सुप्रीमो हनुमान चौधरी के खिलाफ कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव से पहले वे बीजेपी में शामिल हो गए थे। रतन को टिकट मिलते ही सवाई सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया और कहा कि पार्टी ने खींवसर में जनभावनाओं का सम्मान नहीं किया।
ओला परिवार की राजनीतिक विरासत
झुंझुनूं विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने ओला परिवार के युवा नेता अमित ओला को उम्मीदवार बनाया है। उनके पिता बृजेंद्र सिंह ओला ने लगातार चार बार इस क्षेत्र से विधायक के रूप में जीत हासिल की है और हाल ही में सांसद चुने गए हैं। अब उनका बेटा इस बार विधायक का चुनाव लड़ने जा रहा है।
सहानुभूति कार्ड का इस्तेमाल
अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस ने सहानुभूति का कार्ड खेला है। जुबेर खान के बेटे आर्यन जुबैर को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा गया है। यह कदम यह दर्शाता है कि कांग्रेस ने अपने चुनावी उम्मीदवारों के चयन में भावनाओं को भी ध्यान में रखा है।
पीसीसी चीफ का संदेश
लिस्ट जारी करते हुए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सभी प्रत्याशियों को जीत की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा कि उनका पूर्ण विश्वास है कि उपचुनाव में जनता कांग्रेस प्रत्याशियों को भारी मतों से विजयी बनाएगी और विफल बीजेपी सरकार को सबक सिखाएगी।
उपचुनाव की प्रक्रिया
उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है, और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि शुक्रवार, 25 अक्टूबर है। सभी सात विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा, और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस बार के उपचुनाव में कांग्रेस की रणनीति और उम्मीदवारों के चयन पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।