UPS scheme: रविवार को कांग्रेस ने केंद्र सरकार की एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लेकर कटाक्ष किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यूपीएस में ‘यू’ का मतलब मोदी सरकार का यू-टर्न है। यह टिप्पणी तब की गई है जब शनिवार को ही केंद्र सरकार ने इस योजना की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दी, जिससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार की यह योजना न सिर्फ एक प्रचार कदम है, बल्कि इससे पहले की कई योजनाओं में भी मोदी सरकार ने यू-टर्न लिया है।
यूपीएस का लाभ और विवरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दी गई। यह योजना 1 जनवरी, 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल हुए कर्मचारियों को लागू होगी। यूपीएस के तहत कर्मचारियों को वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन प्राप्त होगी। योजना के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद 10,000 रुपये प्रति माह की गारंटीकृत पेंशन मिलेगी। इसके साथ ही, पेंशन पर महंगाई राहत भी प्रदान की जाएगी, जिसे समय-समय पर महंगाई के अनुसार गणना की जाएगी।
कांग्रेस का आरोप और प्रतिक्रियाएँ
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यूपीएस की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मोदी सरकार का एक और यू-टर्न है। उन्होंने उल्लेख किया कि 4 जून के बाद, लोगों की शक्ति ने प्रधानमंत्री की सत्ता के अहंकार को परास्त किया है। खरगे ने सरकार पर आरोप लगाया कि पहले भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मोदी सरकार ने यू-टर्न लिया है, जैसे बजट में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को वापस लेना, वक्फ विधेयक को जेपीसी को भेजना, और प्रसारण विधेयक को वापस लेना।
यूपीएस योजना के लाभार्थी और भविष्य की योजना
यूपीएस से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को सीधा लाभ होगा। यदि राज्य सरकारें भी यूपीएस को लागू करती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 90 लाख हो सकती है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना के तहत कर्मचारी की मौत के बाद उसके जीवनसाथी को पारिवारिक पेंशन भी मिलेगी। इसके अलावा, पेंशन पर महंगाई राहत का भी प्रावधान है, जिससे पेंशन की वास्तविक वैल्यू समय के साथ बनाए रखी जा सके।
ओपीएस और यूपीएस का तुलनात्मक विश्लेषण
कांग्रेस ने इस योजना को लेकर पूर्ववर्ती पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के संदर्भ में भी टिप्पणी की। विपक्ष शासित कई राज्यों ने ओपीएस को लागू किया है, जबकि यूपीएस को लागू करने का निर्णय वर्तमान में लोगों की नाराजगी को देखते हुए लिया गया है। ओपीएस को वित्तीय रूप से टिकाऊ नहीं माना जाता है क्योंकि यह अंशदायी नहीं है और इससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ता रहता है। यूपीएस को लागू करने के पीछे की वजह यही है कि यह योजना कर्मचारियों और सरकार दोनों के योगदान पर आधारित है, जिससे सरकारी वित्तीय दायित्व को कम किया जा सके।
कांग्रेस के तंज और सरकार की नई योजना के बीच विवादों की गर्मी बढ़ गई है। सरकार का कहना है कि यूपीएस योजना कर्मचारियों को एक स्थिर और लाभकारी पेंशन प्रदान करेगी, जबकि कांग्रेस ने इसे सरकार का एक राजनीतिक कदम करार दिया है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर और बहस हो सकती है, जिससे पेंशन योजनाओं की दिशा और सरकार की नीतियों पर नई बहस छेड़ी जा सकती है।