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अबू आजमी का विवादित बयान: औरंगजेब की प्रशंसा पर राजनीति गर्माई

UPNews: समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी ने हाल ही में मुग़ल शासक औरंगजेब की प्रशंसा की, जिस पर राजनीति में विवाद खड़ा हो गया। आजमी ने बयान में कहा कि औरंगजेब क्रूर नहीं था और वह एक सक्षम शासक था, जिसने अपने साम्राज्य को मजबूत किया। इस बयान के बाद भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी, और इसे देश के इतिहास के प्रति असंवेदनशील टिप्पणी करार दिया।

बीजेपी की कड़ी प्रतिक्रिया

भाजपा ने अबू आजमी के बयान की कड़ी आलोचना की और उन्हें माफी मांगने की मांग की। भाजपा नेताओं ने कहा कि औरंगजेब का शासन भारतीय समाज के लिए अत्याचारों का प्रतीक था, और उनके शासन में हिंदूओं और अन्य धार्मिक समुदायों पर अनगिनत अत्याचार किए गए थे। भाजपा के नेताओं का कहना है कि इस तरह के बयान से देश की एकता और अखंडता को खतरा हो सकता है। उन्होंने सपा के नेतृत्व से भी इस पर स्पष्टीकरण की मांग की।

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम का बयान

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता एकनाथ शिंदे ने भी अबू आजमी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से गलत और अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बयानों से समाज में नफरत और विद्वेष फैलने का खतरा है। एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा कि अगर अबू आजमी इस बयान पर माफी नहीं मांगते हैं, तो उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जा सकता है। शिंदे का कहना था कि देश के लिए यह जरूरी है कि हम अपने ऐतिहासिक तथ्यों को सही तरीके से समझें और इस तरह की नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों से बचें।

समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी की ओर से हालांकि अबू आजमी के बयान का बचाव किया गया। पार्टी ने कहा कि आजमी ने किसी को आहत करने का इरादा नहीं किया था और उनका बयान ऐतिहासिक संदर्भ में था। पार्टी ने यह भी कहा कि सपा किसी भी तरह के साम्प्रदायिक बयानबाजी से दूर रहती है और उनके विधायक का बयान व्यक्तिगत दृष्टिकोण था, जिसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

राजनीतिक विवाद और समाज में तनाव

अबू आजमी के बयान ने न केवल राजनीतिक विवाद को जन्म दिया, बल्कि समाज में भी तनाव बढ़ा दिया। औरंगजेब के शासनकाल को लेकर भारतीय इतिहास में मतभेद हमेशा से रहे हैं। कुछ लोग उन्हें एक सक्षम शासक मानते हैं, जबकि कई इतिहासकार और आलोचक उन्हें एक अत्याचारी शासक मानते हैं, जिन्होंने अपने शासनकाल में धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला किया और हिंदू मंदिरों को नष्ट किया।

समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी का बयान

अबू आजमी के बयान ने एक बार फिर से भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक विषयों को लेकर बहस छेड़ दी है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय इतिहास में औरंगजेब जैसे शख्सियतों को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। हालांकि, इस प्रकार के बयानों से समाज में नफरत और द्वारपालिता का माहौल बन सकता है, इसलिए नेताओं को अपनी टिप्पणियों में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।

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