You are currently viewing संतों के गांजा पीने पर विवादित बयान: अफजाल अंसारी के खिलाफ किन्नर अखाड़े ने जताई नाराजगी

संतों के गांजा पीने पर विवादित बयान: अफजाल अंसारी के खिलाफ किन्नर अखाड़े ने जताई नाराजगी

समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी द्वारा कुंभ में आने वाले संतों के गांजा पीने से संबंधित विवादित बयान पर बढ़ती नाराजगी के बीच, अब किन्नर अखाड़े ने भी अपनी असहमति और गुस्सा जाहिर किया है। गाजीपुर कोतवाली में सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद, संत समाज में उबाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।

किन्नर अखाड़े की कड़ी प्रतिक्रिया

आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से भी सांसद अफजाल अंसारी को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अफजाल अंसारी का यह बयान समाज में वैमनस्यता फैलाने वाला है और सनातन धर्म की छवि को ठेस पहुंचाने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि संत महात्माओं की आस्था पर यह सीधा आघात है, जो न केवल धर्म का अपमान है बल्कि सामाजिक एकता को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

संत समाज में नाराजगी

खास बातचीत में आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि अफजाल अंसारी का बयान संत समाज के प्रति अपमानजनक है। उन्होंने कहा, “हमारे पास भी कहने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन सनातन धर्म से जुड़े संत महात्मा समाज में विघटन नहीं चाहते। न ही वे किसी दूसरे धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना चाहते हैं।” त्रिपाठी ने इस बात पर जोर दिया कि संत समाज हमेशा शांति और एकता का प्रतीक रहा है और इस तरह के बयान संतों की आस्था को ठेस पहुंचाते हैं।

अखिलेश यादव से उम्मीदें

आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उम्मीद जताई है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इस विवाद में उचित कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव की जो छवि उभरकर सामने आई है, उससे यह अपेक्षा है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे और सांसद अफजाल अंसारी को पार्टी से निष्कासित करेंगे।” त्रिपाठी ने कहा कि अफजाल अंसारी को उनके बयानों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, खासकर जब लाखों लोगों ने उन्हें अपना प्रतिनिधि चुना है। ऐसे में उनसे इस तरह की विभाजनकारी भाषा की उम्मीद नहीं की जाती।

संत समाज की एकता और शांति की अपील

लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने संत समाज की ओर से यह संदेश भी दिया कि वे किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि संत महात्मा हमेशा समाज की भलाई और एकता के लिए काम करते हैं और वे किसी भी प्रकार का विवाद नहीं चाहते। उन्होंने यह भी कहा कि संत समाज का मकसद समाज को जोड़ना और शांति फैलाना है, इसलिए वे ऐसे बयानों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं जो समाज में वैमनस्य पैदा करते हैं।

अफजाल अंसारी के बयान को लेकर बढ़ते विरोध के बीच, किन्नर अखाड़े ने भी अपनी आवाज बुलंद की है। संत समाज का यह गुस्सा इस बात का संकेत है कि धार्मिक और सामाजिक एकता को ठेस पहुंचाने वाले बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब यह देखना होगा कि अखिलेश यादव इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या अफजाल अंसारी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है।

Spread the love

Leave a Reply