संगीत सोम के बयान से उठा सियासी तूफान
उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता संगीत सोम के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। संगीत सोम ने राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को ‘एक जिले की पार्टी’ करार दिया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। इस बयान के बाद न केवल विपक्ष बल्कि भाजपा के भीतर भी असहमति के स्वर उठने लगे हैं। भाजपा और रालोद के गठबंधन पर सवाल खड़े करने वाला यह बयान उस समय आया है जब उपचुनावों के लिए गठबंधन दलों के बीच सीट बंटवारे की बातचीत चल रही है।
कपिलदेव अग्रवाल ने किया संगीत सोम के बयान का विरोध
योगी सरकार में मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने संगीत सोम के बयान का विरोध करते हुए स्पष्ट किया कि भाजपा और रालोद के बीच गठबंधन पूरी तरह से कायम है। एक मीडिया चैनल से बातचीत में कपिलदेव अग्रवाल ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी का रालोद के साथ गठबंधन है और उपचुनाव भी हम रालोद के साथ ही लड़ेंगे।” अग्रवाल के इस बयान से यह साफ हो गया कि भाजपा का नेतृत्व संगीत सोम के बयान से सहमत नहीं है और गठबंधन में किसी प्रकार की दरार नहीं आने देना चाहती।
समाजवादी पार्टी ने साधा भाजपा पर निशाना
संगीत सोम के बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। सपा नेता आईपी सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भाजपा ने रालोद का मतलब डेढ़ जिले की पार्टी बताया है। जब तक जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी के साथ थे, तब वह पूरे यूपी के नेता थे। अब भाजपा हर मंच से रालोद की असली स्थिति उजागर कर रही है। मंत्री तो बन गए, लेकिन रालोद खत्म हो गया।” सपा ने इस बयान के जरिए न सिर्फ जयंत चौधरी और रालोद की स्थिति पर सवाल उठाया, बल्कि भाजपा पर भी राजनीतिक हमला किया है।
रालोद के लिए चुनौतीपूर्ण समय
संगीत सोम का यह बयान उस समय आया है जब रालोद उपचुनाव में कम से कम दो सीटें पाने की उम्मीद कर रही है। रालोद नेताओं का लक्ष्य है कि उन्हें खैर और मीरापुर सीटों से लड़ने का मौका मिले। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में रालोद ने मीरापुर सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि खैर सीट पर भाजपा के विधायक ने विजय दर्ज की थी। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उपचुनाव में सीटों के बंटवारे पर भाजपा और रालोद के बीच क्या समझौता होता है और संगीत सोम के बयान का क्या राजनीतिक असर पड़ता है।
भविष्य में गठबंधन पर क्या असर पड़ेगा?
संगीत सोम के बयान के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या इससे भाजपा और रालोद के गठबंधन पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस बयान से दूरी बना ली है और स्पष्ट किया है कि रालोद के साथ गठबंधन बरकरार है। लेकिन सियासी गलियारों में यह चर्चा गर्म है कि उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान हो सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जयंत चौधरी इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और उपचुनाव में रालोद को कितनी सीटें मिलती हैं।