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कानपुर में रेलवे ट्रैक पर फिर मिला सिलेंडर, लोको पायलट की सतर्कता से टली बड़ी दुर्घटना

भारतीय रेल की सुरक्षा के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है, और रेलगाड़ियों को बेपटरी करने की साजिशें आए दिन सामने आ रही हैं। एक बार फिर कानपुर के पास दिल्ली-हावड़ा रेल रूट पर रेलवे ट्रैक पर आग बुझाने वाला सिलेंडर मिलने की घटना हुई। गनीमत रही कि मालगाड़ी के लोको पायलट की सतर्कता और समय पर इमरजेंसी ब्रेक लगाने से एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया।

घटना का विवरण

यह घटना कानपुर देहात के अंबियापुर रेलवे स्टेशन के पास हुई, जहां एक मालगाड़ी के चालक ने सुबह डाउन रेल पटरी पर एक अग्निशमन सिलेंडर पड़ा देखा। मालगाड़ी इटावा से कानपुर की ओर जा रही थी। लोको पायलट की नजर समय रहते सिलेंडर पर पड़ गई, जिसके बाद उन्होंने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाए और ट्रेन को रोका। स्टेशन मास्टर को सूचना दी गई, जिससे स्टेशन पर अफरातफरी मच गई। मौके पर पहुंची जीआरपी टीम ने सिलेंडर को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।

सिलेंडर कैसे पहुंचा ट्रैक पर?

सूचना के अनुसार, अंबियापुर स्टेशन के पास खंभा नंबर 1070/18 के पास लोको पायलट को सिलेंडर दिखाई दिया। लोको पायलट ने तुरंत वाकी-टाकी के माध्यम से स्टेशन मास्टर नौशाद आलम को सूचित किया। इसके बाद जीआरपी और आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि सिलेंडर किसी ट्रेन से गिरा हो सकता है, लेकिन इसके पीछे कोई साजिश भी हो सकती है।

सुरक्षा एजेंसियों की जांच

यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई हो। इससे पहले भी कानपुर में पुष्पक एक्सप्रेस के सामने ट्रैक पर आग बुझाने वाला सिलेंडर मिला था। यह दूसरी बार है जब रेलवे ट्रैक पर इस तरह की संदिग्ध गतिविधि देखी गई है, जिसने रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

रेलवे पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब यह जांच कर रही हैं कि सिलेंडर ट्रैक पर किसने और क्यों रखा। इस घटना के पीछे किसी साजिश की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता। रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत महसूस की जा रही है, क्योंकि इस तरह की घटनाएं रेल यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डाल रही हैं।

रेलवे की सुरक्षा पर सवाल

इस तरह की घटनाओं ने रेलवे की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ा दी हैं। बार-बार ट्रैक पर संदिग्ध वस्तुओं का पाया जाना न केवल रेल यातायात में बाधा डाल रहा है, बल्कि यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन रहा है। रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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