Delhi Assembly session 2025: दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र आज से प्रारंभ हो रहा है। इस सत्र में ऐतिहासिक बदलाव देखा जाएगा क्योंकि 27 साल बाद दिल्ली विधानसभा में सत्तापक्ष में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) बैठेगी और आम आदमी पार्टी (आप) विपक्ष में होगी। यह सत्र दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जहां नई राजनीतिक परिस्थिति सामने आएगी।
सत्र के पहले दिन की गतिविधियां
दिल्ली विधानसभा का पहला दिन नव निर्वाचित 70 विधायकों की शपथ ग्रहण की प्रक्रिया से शुरू होगा। शपथ लेने के बाद, सदन में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इस चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अपना नामांकन दाखिल किया है।
सत्र के पहले दिन का मुख्य उद्देश्य सदन की कार्यवाही को शुरू करना और विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इसके बाद, अगले दिन यानी 25 फरवरी को, उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना का अभिभाषण होगा। इसके साथ ही, पिछले आप सरकार द्वारा लंबित 14 कैग रिपोर्टों को सदन के पटल पर रखा जाएगा। यह रिपोर्टें जनता और विपक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा हो सकती हैं, क्योंकि इन रिपोर्टों में सरकार के वित्तीय प्रबंधन और कार्यों से संबंधित अहम जानकारी हो सकती है।
सत्र के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति
दिल्ली विधानसभा सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए गांधी नगर से विधायक अरविंदर सिंह लवली को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी होती है कि वे सदन की पहली कार्यवाही का संचालन करें और विधायकों को शपथ दिलवाएं। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के निर्देश पर यह आदेश जारी किए गए हैं, और आज सुबह 11 बजे से सत्र की शुरुआत होगी।
नए कार्यकाल के महत्व और राजनीति में बदलाव
इस सत्र में दिल्ली विधानसभा की राजनीति में नए परिवर्तन होंगे, क्योंकि इस बार विधानसभा में विपक्ष की भूमिका आम आदमी पार्टी (आप) की होगी, जो पिछले 10 वर्षों से सत्ता में थी। भाजपा के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि उसे 27 साल बाद सत्तापक्ष में बैठने का मौका मिलेगा। इस बदलाव के साथ, दिल्ली की राजनीति में नई चर्चा और ताजगी का आना तय है।