Rajendr Nagr: दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने राजेंद्र नगर स्थित आईएएस कोचिंग सेंटर में हाल ही में हुई मौत के मामले में एसयूवी ड्राइवर मनुज कथूरिया और अन्य चार आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इन आरोपियों में तेजिंदर, हरविंदर, परविंदर और सरबजीत शामिल हैं। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत देने से मना कर दिया और जांच अधिकारी से इस पर विस्तृत जवाब देने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी।
कोचिंग सेंटर हादसे की पृष्ठभूमि
मंगलवार को अदालत ने इस हादसे में गिरफ्तार एसयूवी ड्राइवर और बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। घटना तब घटी जब मनुज कथूरिया अपनी एसयूवी लेकर एक सड़क से गुजरे, जहां बारिश के कारण पानी भरा हुआ था। गाड़ी की तेज स्पीड और पानी के दबाव की वजह से तीन मंजिला इमारत का गेट टूट गया और इसके बेसमेंट में पानी भर गया।
ड्राइवर के वकील की दलीलें
ड्राइवर मनुज कथूरिया के वकील, राकेश मल्होत्रा ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल को इस घटना की पूरी जानकारी नहीं थी और न ही उनका इरादा इसे अंजाम देने का था। मल्होत्रा ने तर्क किया कि जलभराव वाले क्षेत्र में गाड़ी चलाना बहुत मुश्किल होता है और यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी। उन्होंने कहा कि इस घटना के कारणों में पहली वजह तो यह है कि उस स्थान पर लाइब्रेरी का संचालन हो रहा था, जबकि दूसरी वजह दिल्ली नगर निगम और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से जलभराव को रोकने में विफलता है।
जांच और कानूनी प्रक्रिया
अदालत ने मनुज कथूरिया की गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की याचिका पर भी जांच अधिकारी से जवाब मांगा है। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है और अदालत की ओर से दी गई निर्देशों के अनुसार आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
इस तरह की घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि अदालतें उचित निर्णय लें और दोषियों को कड़ी सजा मिले, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।