महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को एक जनसभा के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो लोग ‘मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं’, वे समाज के वंचित वर्ग की कठिनाइयों को नहीं समझ सकते। यह बयान उन्होंने राज्य की महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई ‘लड़की बहिन’ योजना के विरोध को लेकर विपक्ष की आलोचना करते हुए दिया। पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार गरीबों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
जन सम्मान यात्रा के दौरान पवार का बयान
अजित पवार छत्रपति संभाजीनगर में अपनी ‘जन सम्मान यात्रा’ के दौरान एक रैली को संबोधित कर रहे थे। इस रैली में उन्होंने युवाओं, महिलाओं, वारकरियों (भगवान विठोबा के अनुयायी) और अन्य लोगों के लिए शुरू की गई सरकारी योजनाओं के बारे में विपक्ष के विरोध को लेकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी। पवार ने कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों के खिलाफ जनता को सचेत रहना चाहिए और फर्जी अभियानों का शिकार नहीं होना चाहिए।
‘लड़की बहिन’ योजना का विवरण
पवार ने ‘लड़की बहिन’ योजना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने पात्र महिलाओं के खातों में 3,000 रुपये जमा किए हैं। यह योजना विवाहित, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान करती है, बशर्ते उनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये तक हो। पवार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह योजना चुनावी जुमला नहीं है, बल्कि एक सच्ची और प्रभावी पहल है।
विपक्ष के आरोप और पवार का उत्तर
अजित पवार ने विपक्ष के आरोपों को ‘फर्जी अभियान’ करार देते हुए कहा कि विपक्ष जानबूझकर योजनाओं को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी को भी योजना का पैसा वापस नहीं लेना पड़ेगा। पवार ने यह भी कहा कि जो लोग संपन्न परिवारों से हैं, वे गरीबों की वास्तविक समस्याओं को नहीं समझ सकते हैं। उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं की सफाई दी और बताया कि इन योजनाओं के लिए राज्य के पास पर्याप्त फंड हैं।
सरकारी योजनाओं और वित्तीय स्थिति
अजित पवार ने दावा किया कि राज्य सरकार प्रति वर्ष 52 लाख परिवारों को तीन मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर प्रदान कर रही है और लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा की फीस भी सरकार उठा रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का राजस्व संग्रह अच्छा है और राज्य को इन योजनाओं के लिए 75,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। पवार ने बताया कि सरकार के पास पर्याप्त पैसा है और इसलिए वे इन योजनाओं को लागू कर पा रहे हैं।
सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले का मामला
पवार ने सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने के मामले में भी प्रतिक्रिया दी। विपक्ष ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार और मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगाया है। पवार ने कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इसे एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी गलतियों को माफ न किया जाए।
अजित पवार के बयान और विपक्ष पर की गई टिप्पणियाँ महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती हैं। पवार का स्पष्ट जवाब और सरकारी योजनाओं की सफाई ने राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर उठाए गए विवादों को लेकर एक स्पष्ट स्थिति प्रस्तुत की है। इस पूरे विवाद के बाद, यह देखना होगा कि विपक्ष और जनता इन बयानों पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया देते हैं और इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।