Dehradun cloudburst:उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भारी बारिश ने एक बार फिर तबाही मचा दी है। बीती रात हुई मूसलधार बारिश के चलते सहस्त्रधारा, मालदेवता और टपकेश्वर मंदिर क्षेत्र में अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए। सहस्त्रधारा में बादल फटने की घटना सामने आई है, जिसमें कई दुकानों के बहने की खबर है। तेज़ बहाव में सड़कों का नामोनिशान मिट गया और पुलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, जबकि बचाव कार्य लगातार जारी है। घटना के बाद से दो लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने लिया स्थिति का संज्ञान, राहत कार्य तेज
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा की गंभीरता को देखते हुए स्वयं स्थिति पर नजर बनाए रखी है। उन्होंने एक ट्वीट में जानकारी दी:”देहरादून के सहस्त्रधारा में कल देर रात भारी बारिश के कारण कुछ दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। मैं स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूं।”मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राहत और बचाव कार्यों में कोई ढिलाई न बरती जाए और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाए।
स्कूल बंद, प्रशासन अलर्ट पर
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए देहरादून जिले के सभी स्कूल (कक्षा 1 से 12 तक) को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस बल घटनास्थल पर डटे हुए हैं और राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर अंजाम दे रहे हैं। जलस्तर को लगातार मॉनिटर किया जा रहा है, ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
स्थानीयों ने देखी तबाही की भयावह तस्वीरें
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तेज बारिश के बाद नदियां उफान पर आ गईं। कुछ ही घंटों में सहस्त्रधारा क्षेत्र में पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि सड़कें बह गईं और दुकानों का अस्तित्व खत्म हो गया। मालदेवता और टपकेश्वर मंदिर क्षेत्र में भी भारी नुकसान की खबरें सामने आई हैं।बाढ़ जैसे हालात के कारण कई लोगों को रात में ही अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा। स्थानीय लोगों ने प्रशासन की मदद से रातभर राहत और बचाव कार्यों में सहयोग किया।
प्राकृतिक आपदा से सतर्कता की जरूरत
देहरादून में हुई इस भीषण बारिश ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाएं कितनी खतरनाक हो सकती हैं। प्रशासन की तत्परता से कई लोगों की जान बचाई जा सकी, लेकिन अभी भी लापता लोगों की तलाश और नुकसान का आकलन जारी है।लोगों से अपील की गई है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें, सुरक्षित रहें और अफवाहों से बचें। भविष्य में इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर तैयारी और जन-जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।

