आज, यानी मंगलवार को, धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाने की परंपरा है। इस विशेष दिन पर मां लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है। धनतेरस को धनत्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार धनतेरस का इतिहास
धनतेरस का महत्व शास्त्रों में वर्णित समुद्र मंथन की घटना से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि इसी दिन धन्वंतरि भगवान अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। धन्वंतरि देव ने चिकित्सा विज्ञान का प्रचार-प्रसार किया, इसलिए इस दिन अच्छे स्वास्थ्य के लिए उनकी पूजा-अर्चना भी की जाती है।
खरीददारी की परंपरा
धनतेरस के दिन नई चीजें खरीदने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन नई वस्तुओं की खरीद से धन-समृद्धि में 13 गुना वृद्धि होती है। इस दिन विशेष रूप से सोना, चांदी, वाहन और अन्य वस्तुओं की खरीदारी की जाती है। आइए जानें धनतेरस के दिन पूजा और खरीददारी के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
धनतेरस पूजा मुहूर्त 2024
- त्रयोदशी का आरंभ: 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक
- त्रयोदशी का समापन: 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर
- प्रदोष काल का समय: 29 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 38 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक
- वृषभ काल: 29 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 27 मिनट तक
धनतेरस पूजा मुहूर्त 2024: 29 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक है।
खरीददारी के लिए शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन खरीददारी के लिए शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा और 30 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगा। इस दौरान आप सोना-चांदी और वाहन की खरीदारी कर सकते हैं। इसके अलावा, धनतेरस के दिन सोना-चांदी, वाहन और अन्य वस्तुओं की खरीद के लिए तीन विशेष मुहूर्त सबसे उत्तम हैं:
- पहला मुहूर्त: 29 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 31 मिनट से 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक
- दूसरा मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त): सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक
- तीसरा मुहूर्त: शाम 6 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 32 मिनट तक
धनतेरस की खरीदारी के नियम
कहा जाता है कि धनतेरस के दिन जो कुछ भी खरीदा जाता है, वह घर की सुख-समृद्धि में चार चांद लगा देता है। इस दिन घर में किसी नई चीज का आगमन पूरे साल भर की खुशियों के आगमन के समान माना जाता है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि धनतेरस के दिन जो भी खरीदा जाए—चाहे वह सोने-चांदी का सिक्का हो, बर्तन हो, या अन्य कोई वस्तु—उसे दिवाली के दिन तक उपयोग में नहीं लाना चाहिए। दिवाली पूजा के समय उसे देवी मां के सामने रखकर पूजा करनी चाहिए और बाद में उसका उपयोग करना चाहिए।
धनतेरस का त्योहार वास्तव में समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशियों का प्रतीक है, जो हमारे जीवन में सुखद परिवर्तन लाने का संकल्प लेता है।