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उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में डायरिया का कहर: आठ वर्षीय बच्चे की मौत, 37 से अधिक ग्रामीण बीमार

Banda News: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बिसंडा ब्लॉक स्थित ग्राम पंचायत तेंदुरा के कोटार्य आबादी पुरवा में डायरिया का संक्रमण तेज़ी से फैलता जा रहा है। गांव में पानी भराव की समस्या के कारण यह संक्रामक बीमारी फैल रही है, जिससे एक आठ वर्षीय बालक की जान चली गई, जबकि 37 से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं।बीते 24 घंटे में संक्रमण की रफ्तार इतनी तेज रही कि कई ग्रामीणों को तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। स्थिति को गंभीर मानते हुए अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. रेखा रानी ने स्वयं गांव पहुंचकर मौके का जायजा लिया।

मासूम की मौत ने ग्रामीणों को दहशत में डाला

ग्रामीणों के अनुसार, आठ वर्षीय मासूम की हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इस दुखद घटना ने पूरे गांव में सदमे और भय का माहौल पैदा कर दिया है। मृत बच्चे के परिवार की स्थिति अत्यंत चिंताजनक बताई जा रही है।

जलभराव और गंदगी से फैला संक्रमण

गांव के कोटार्य पुरवा में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण बारिश के बाद गंदा पानी सड़कों और गलियों में जमा हो गया है। इस स्थायी जलभराव में मच्छर और बैक्टीरिया पनपने लगे हैं, जिससे संक्रमण फैल रहा है।ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से सफाई नहीं हुई और पीने के पानी की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है। अधिकांश लोग हैंडपंप या आसपास के तालाब का पानी पीने को मजबूर हैं।

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई शुरू

शनिवार दोपहर करीब 12:30 बजे अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. रेखा रानी गांव पहुंचीं। उन्होंने प्रधान, आशा कार्यकर्ताओं और ANM से बातचीत कर स्थिति की पूरी जानकारी ली। गांव में बनाए गए 37 बीमार लोगों की सूची की समीक्षा की गई।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में ओआरएस पैकेट, जरूरी दवाएं और सेनिटेशन किट वितरित की हैं। साथ ही लोगों को उबालकर पानी पीने, स्वच्छता बनाए रखने और लक्षण दिखते ही अस्पताल जाने की सलाह दी गई है।

100 से अधिक परिवार खतरे की जद में

गांव के प्रधान के अनुसार, कोटार्य आबादी पुरवा में लगभग 100 परिवार रहते हैं, जिनमें से कई अभी भी जलजनित बीमारियों के खतरे में हैं। विभाग द्वारा गांव में सफाई अभियान, कीटनाशक छिड़काव और पेयजल स्रोतों की सफाई जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।

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