Donald Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों में एक नया मोड़ लाते हुए दर्जनों देशों पर 10% से लेकर 41% तक के रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने का आदेश दिया है। इस आदेश पर उन्होंने आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर कर दिए हैं, जो अगले 7 दिनों में पूरी तरह प्रभावी हो जाएंगे। इस कदम से भारत सहित कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर गहरा प्रभाव पड़ने की आशंका है।
भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ का सीधा असर
राष्ट्रपति ट्रंप ने विशेष रूप से भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह टैरिफ अमेरिका द्वारा ‘रेसिप्रोकल ट्रेड पॉलिसी’ के तहत लगाया गया है, जिसके अनुसार अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी वैसा ही कर सकता है।
भारत सरकार ने इस कदम को लेकर नाराजगी जताई है और साफ कहा है कि वह राष्ट्रहित में किसी तरह का समझौता नहीं करेगी।
ताइवान, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और सीरिया पर भी टैरिफ का बोझ
भारत के अलावा, अमेरिका ने ताइवान पर 20%, दक्षिण अफ्रीका पर 30%, ब्राजील और सीरिया जैसे देशों पर भी कड़े टैरिफ लगाए हैं। इससे इन देशों के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ने की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह निर्णय वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए एक नई चुनौती बन सकता है।
कनाडा को ट्रंप की चेतावनी और 35% टैरिफ
अमेरिका और कनाडा के बीच रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं, और ट्रंप के नए आदेश से यह खाई और गहरी हो गई है। उन्होंने कनाडा पर पहले लगे 25% टैरिफ को बढ़ाकर अब 35% कर दिया है। इसके अलावा ट्रंप ने आरोप लगाया है कि कनाडा अवैध नशीली दवाओं की तस्करी रोकने में विफल रहा है और अमेरिका की नीतियों का खुलकर विरोध कर रहा है।रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा पर यह नया टैरिफ आज यानी 1 अगस्त से ही प्रभावी हो गया है।
टैरिफ से वैश्विक व्यापार को झटका
इस आदेश के तहत, जिन देशों का नाम स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध नहीं है, उन पर भी 10% टैरिफ स्वतः लागू कर दिया गया है। इस व्यापक नीति परिवर्तन से विश्व व्यापार व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ेगा।भारत के संदर्भ में, यह टैरिफ भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में।