डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और अपने कार्यकाल की शुरुआत कई बड़े फैसलों से की। इन फैसलों में से एक प्रमुख निर्णय था अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर इमरजेंसी की घोषणा। इस कदम के साथ, ट्रंप ने अपनी प्रशासनिक प्राथमिकताओं का साफ संकेत दिया, जिनमें सीमा सुरक्षा और अवैध अप्रवासन को नियंत्रित करना शामिल था।
‘डोंकी रूट’ और अमेरिकी सीमा सुरक्षा
‘डोंकी रूट’ एक ऐतिहासिक मार्ग है, जिसे अवैध अप्रवासियों के लिए अमेरिका में प्रवेश करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह मार्ग मुख्य रूप से मध्य अमेरिका से लेकर मेक्सिको के माध्यम से अमेरिका में प्रवेश करने का एक कुख्यात तरीका है। ट्रंप प्रशासन के तहत, ‘डोंकी रूट’ और इस तरह के अवैध प्रवेश को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। इससे न केवल अमेरिका में अवैध आव्रजन की समस्या को कम करने की कोशिश की जाएगी, बल्कि दक्षिणी सीमा की सुरक्षा को भी मजबूत किया जाएगा।
सीमा सुरक्षा के लिए सैन्य ताकत का इस्तेमाल
ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिकी सशस्त्र बलों को अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर तैनात किया जाएगा ताकि अवैध अप्रवास के प्रयासों का मुकाबला किया जा सके। उनका उद्देश्य सीमा पर आक्रमण के विभिन्न रूपों को नाकाम करना है, जिसमें अवैध रूप से अमेरिकी जमीन में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले लोग शामिल हैं।
ट्रंप के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए। उन्होंने बाइडन प्रशासन के द्वारा किए गए 78 फैसलों को रद्द किया, जिससे उनकी नीतियों और प्राथमिकताओं में बड़ा बदलाव आया। इनमें से एक था, अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से बाहर निकालने का फैसला, जिसके बाद अमेरिका ने वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़े अहम मुद्दों में अपनी भागीदारी को सीमित किया। इसके अलावा, ट्रंप ने 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल पर हुए हमले में शामिल 1500 लोगों को माफी देने का फैसला किया। यह कदम भी उनके कार्यकाल की प्रमुख नीतियों में से एक था, जो उनके समर्थकों के लिए एक महत्वपूर्ण बयान था।
दुनिया भर पर पड़ेगा असर
डोनाल्ड ट्रंप के ये फैसले न केवल अमेरिका के भीतर बल्कि दुनिया भर पर गहरा असर डाल सकते हैं। सीमा सुरक्षा, अवैध अप्रवासन, और वैश्विक संस्थाओं से अमेरिका की भागीदारी के निर्णय ने वैश्विक राजनीति को प्रभावित किया है। साथ ही, ट्रंप के फैसले अंतरराष्ट्रीय संबंधों और अमेरिका की विदेश नीति में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।