Chhangur Baba : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई में धर्मांतरण के प्रमुख आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों की आर्थिक गतिविधियों का बड़ा नेटवर्क सामने आ रहा है। ईडी की जांच में अब तक 32 नए बैंक खातों का पता चला है जिनका संबंध विदेशी फंडिंग से है। इन खातों में विशेष रूप से दुबई से भेजी गई रकम का उपयोग हुआ है। ईडी ने इन खातों के पिछले 10 वर्षों के लेनदेन का विवरण संबंधित बैंकों से मांगा है।ईडी के सूत्रों के अनुसार, इन खातों में आए धन का इस्तेमाल केवल धार्मिक रूपांतरण के लिए नहीं, बल्कि प्रॉपर्टी खरीदने और अन्य संदिग्ध गतिविधियों के लिए भी किया गया। इससे पहले भी छांगुर और उसके सहयोगियों के 40 से अधिक खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन सामने आ चुका है।
दुबई से भेजे गए पैसे का खुलासा
ईडी की जांच में यह सामने आया है कि दुबई से बड़ी मात्रा में रकम छांगुर और उसके नेटवर्क से जुड़े खातों में भेजी गई थी। यह राशि नीतू रोहरा उर्फ नसरीन के नाम से संचालित खातों में पहुंची और वहीं से भारत में अलग-अलग संपत्तियों की खरीद की गई।ईडी को संदेह है कि यह फंडिंग पूरी तरह से योजनाबद्ध तरीके से की गई और इसका उद्देश्य देश में धार्मिक मतांतरण को बढ़ावा देना और संपत्ति जमा करना था। छांगुर के गिरोह द्वारा खरीदी गई अधिकांश संपत्तियों में विदेश से आए फंड का इस्तेमाल हुआ है।
नवीन रोहरा के दुबई स्थित खातों की जांच जारी
इस पूरे नेटवर्क में नवीन रोहरा नाम का एक और शख्स सामने आया है, जिसके दुबई स्थित खातों की भी जानकारी अब ईडी जुटा रही है। इसके लिए ईडी ने भारत के विदेश मंत्रालय से आधिकारिक सहयोग मांगा है। मंत्रालय को पत्र भेजकर दुबई से फंड ट्रांसफर और खातों की जानकारी साझा करने का आग्रह किया गया है, ताकि अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन को भी उजागर किया जा सके।
कानूनी कार्रवाई की तैयारी
अब तक ईडी की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि छांगुर और उसके गिरोह ने 100 करोड़ से ज्यादा की रकम का लेनदेन किया है। यह धनराशि देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक रूपांतरण, संदिग्ध संगठनों को फंडिंग, और महंगी संपत्तियों की खरीद में इस्तेमाल की गई।
जैसे-जैसे खातों से संबंधित डेटा ईडी को मिलेगा, मामले में और भी ठोस सबूत सामने आ सकते हैं। इससे आगे की कानूनी प्रक्रिया और गिरफ्तारी की दिशा तय की जाएगी।
विदेश मंत्रालय से सहयोग मांगा गया
ईडी ने इस मामले में अब विदेश मंत्रालय की भी सहायता मांगी है ताकि दुबई से जुड़े बैंक खातों की जानकारी प्राप्त हो सके। जांच एजेंसी इस फंडिंग नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों को बेनकाब करने और इसके मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।