Elvish Yadav: बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। यादव को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 23 जुलाई को लखनऊ यूनिट में पेश होने का आदेश दिया है। यह पूछताछ सांप के जहर वाली रेव पार्टी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित है, जो मूल रूप से गौतम बौद्ध नगर पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था।
मामले का इतिहास
एल्विश यादव एक 26 वर्षीय कॉन्ट्रोवर्शियल यूट्यूबर हैं और उन्होंने बिग बॉस ओटीटी 2 का खिताब भी जीता है। यादव उन छह लोगों में शामिल थे जिनके खिलाफ एक गैर सरकारी संगठन पीपुल्स फॉर एनिमल्स (पीएफए) के एक प्रतिनिधि की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी। यह एफआईआर पिछले साल 3 नवंबर को नोएडा के सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी।
सांपों की बरामदगी और गिरफ्तारी
एफआईआर दर्ज होने के बाद, पांच अन्य आरोपियों, जो सभी सपेरे थे, को नोएडा के एक बैंक्वेट हॉल से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उनकी कब्जे से नौ सांप, जिनमें पांच कोबरा शामिल थे, और 20 मिलीलीटर संदिग्ध सांप का जहर जब्त किया था। हालांकि, पुलिस ने कहा था कि एल्विश यादव उस समय बैंक्वेट हॉल में मौजूद नहीं थे, लेकिन उनकी भूमिका की जांच जारी है।
चार्जशीट और आरोप
अप्रैल में, नोएडा पुलिस ने इस मामले में 1,200 पन्नों से अधिक की चार्जशीट दायर की थी। पुलिस ने कहा था कि आरोपों में सांपों की तस्करी, नशीले पदार्थों का उपयोग और रेव पार्टियों का आयोजन शामिल है। यादव की भूमिका की जांच करते हुए, पुलिस ने पाया कि उन्होंने इन घटनाओं में शामिल होकर कानून का उल्लंघन किया है।
ईडी की कार्रवाई
अब, एल्विश यादव को एक बार फिर से ईडी की जांच का सामना करना पड़ रहा है। ईडी ने उन्हें 23 जुलाई को अपनी लखनऊ यूनिट के सामने पेश होने के लिए बुलाया है। यह पूछताछ मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसमें यादव की भूमिका की विस्तार से जांच की जाएगी।
इस प्रकार, एल्विश यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं और उन पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। आगे की जांच और ईडी की पूछताछ से यह स्पष्ट होगा कि इस मामले में उनकी वास्तविक भूमिका क्या है।