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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़.. इलाके में हाई अलर्ट

Jammu Kashmir Encounter : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित चटरू क्षेत्र के सिंहपोरा गांव में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच तीव्र मुठभेड़ जारी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, जैसे ही सुरक्षाबलों को इलाके में संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली, उन्होंने तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान आतंकियों ने गोलाबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला।मुठभेड़ की पुष्टि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने की है, और बताया गया है कि दोनों ओर से भारी फायरिंग जारी है। पूरे इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और स्थानीय नागरिकों को घरों में रहने की अपील की गई है।

LOC के पास भारतीय सेना का राहत अभियान

किश्तवाड़ में चल रही मुठभेड़ के बीच, राजौरी जिले के मेंढर सेक्टर में सीमा पार से संघर्ष विराम उल्लंघन और गोलीबारी की घटनाओं के बाद भारतीय सेना ने नागरिक सहायता हेतु एक डोर-टू-डोर राहत अभियान शुरू किया है। यह पहल विशेष रूप से उन सीमावर्ती गांवों के लिए चलाई जा रही है, जहां हाल ही में गोलाबारी के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है।भारतीय सेना ने राष्ट्रीय सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रभावित परिवारों तक खाद्य सामग्री, दवाइयाँ और चिकित्सा सहायता पहुँचाई। चुनौतीपूर्ण और दुर्गम भौगोलिक स्थितियों के बावजूद, जवानों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास के क्षेत्रों में पहुँचकर मानवीय सहायता प्रदान की।

स्वास्थ्य, सुरक्षा और मनोबल को बढ़ावा

राहत अभियान के तहत सेना ने बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य जांच, मनोवैज्ञानिक सहायता और अन्य बुनियादी आवश्यकताएं उपलब्ध कराईं। सेना की चिकित्सा इकाइयों ने घायलों और कमजोर लोगों को समय पर उपचार और देखभाल मुहैया कराई।वर्दीधारी जवानों ने घर-घर जाकर न केवल सामग्री दी, बल्कि स्थानीय लोगों से सीधा संवाद कर उन्हें भरोसा और सहानुभूति का भाव भी दिया। इस प्रयास ने सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों में सुरक्षा और एकजुटता की भावना को मजबूत किया है।

सेना की सामाजिक प्रतिबद्धता

भारतीय सेना की यह पहल सिर्फ एक राहत अभियान नहीं, बल्कि संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में सेना की सामाजिक प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
अस्थायी चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं
निरंतर निगरानी से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी परिवार को सहायता से वंचित न रहना पड़े
इस अभियान ने यह संदेश दिया है कि सेना न केवल सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि देश के नागरिकों की हर परिस्थिति में सहायता को तैयार रहती है।

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