You are currently viewing फारूक अब्दुल्ला का बड़ा ऐलान: उमर अब्दुल्ला इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे

फारूक अब्दुल्ला का बड़ा ऐलान: उमर अब्दुल्ला इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे

Farooq Abdulla: नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। फारूक अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि वह खुद चुनाव लड़ेंगे और जब जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल जाएगा, तब वह अपनी सीट उमर के लिए छोड़ देंगे। यह घोषणा पार्टी और राज्य की राजनीति में एक बड़ा बदलाव मानी जा रही है।

विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा

फारूक अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा को लेकर खुशी जाहिर की है। चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में चुनाव कराने का ऐलान किया है। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर, दूसरे चरण का 25 सितंबर और तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को होगा। चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। अब्दुल्ला ने इस घोषणा को स्वतंत्रता दिवस के दिन की शुभकामनाओं के साथ जोड़ते हुए इसे एक “मुबारक दिन” बताया।

चुनाव आयोग से उम्मीदें और अफसरों के तबादले पर सवाल

फारूक अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग से सभी पार्टियों को समान अवसर देने की उम्मीद जताई है। उन्होंने हाल ही में हुए अफसरों के तबादलों पर सवाल उठाया, यह संकेत देते हुए कि चुनाव की तैयारी से संबंधित अफसरों के बदलाव ने चुनाव की संभावना को उजागर किया है। उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वे यह जांचें कि इन अधिकारियों को क्यों बदला गया और इसका चुनाव प्रक्रिया पर क्या असर हो सकता है।

जल्द चुनाव होने का महत्व और उम्मीदवारों की तैयारी

फारूक अब्दुल्ला ने जल्दी चुनाव होने को एक सकारात्मक संकेत बताया, जिसका मतलब है कि यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन चुनाव के लिए तैयार है और कौन नहीं। उन्होंने कहा कि पार्टी जल्द ही अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करेगी और चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी की जाएंगी। यह भी संकेत दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोग 370 के समाप्त होने के बाद हुए नुकसान को समझ सकते हैं और राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग जारी रहेगी।

महिलाओं के अधिकार और एनसी की प्रतिबद्धता

फारूक अब्दुल्ला ने महिलाओं के अधिकारों के प्रति नेशनल कॉन्फ्रेंस की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने संसद में महिलाओं के हक के लिए संघर्ष किया है और यह लड़ाई जारी रहेगी। बीजेपी की दावों पर भी उन्होंने टिप्पणी की, यह संकेत देते हुए कि एनसी हमेशा महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करती रहेगी।

चुनाव आयोग की घोषणा और राजनीतिक स्थिति

चुनाव आयोग की तारीखों की घोषणा के साथ ही जम्मू-कश्मीर में चुनावी माहौल गर्मा गया है। फारूक अब्दुल्ला की घोषणा और चुनाव की तैयारी ने राज्य की राजनीति में एक नई ऊर्जा भर दी है। जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति और चुनावी रणनीतियों को देखते हुए यह देखना होगा कि विभिन्न पार्टियां और उम्मीदवार इस चुनावी परिदृश्य में कैसे अपनी भूमिका निभाते हैं।

निष्कर्ष

फारूक अब्दुल्ला की घोषणा और चुनाव आयोग की तारीखों की घोषणा ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों को एक नया मोड़ दिया है। फारूक अब्दुल्ला द्वारा उमर अब्दुल्ला को चुनावी मैदान में न उतारने का निर्णय और चुनाव आयोग की त्वरित तारीखें पार्टी की रणनीति और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनावी परिदृश्य में कौन-कौन सी नई घटनाएं और विकास सामने आते हैं।

Spread the love

Leave a Reply