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तनाव प्रबंधन पर वित्त मंत्री का सुझाव: कॉलेजों में पढ़ाई का हिस्सा बने स्ट्रेस मैनेजमेंट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कॉलेज और विश्वविद्यालयों में तनाव प्रबंधन (स्ट्रेस मैनेजमेंट) को पाठ्यक्रम में शामिल करने की जरूरत पर बल दिया है। उनका यह बयान तब आया जब हाल ही में एक युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की काम के तनाव के चलते मौत हो गई। इस घटना के बाद उस युवा सीए की मां ने संबंधित कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद यह मामला चर्चा में आया।

तनाव से हुई युवा सीए की मौत

निर्मला सीतारमण ने चेन्नई में एक निजी मेडिकल कॉलेज के कार्यक्रम के दौरान इस विषय पर बात की। उन्होंने एक युवा सीए की हालिया मौत का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे बच्चे कॉलेज और विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त करते हैं और वहां से वे खुद को निखारकर बाहर आते हैं। लेकिन केवल शिक्षा ही काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों और परिवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे बच्चों को तनाव प्रबंधन की शिक्षा भी दें ताकि वे पढ़ाई या नौकरी से जुड़े तनाव को प्रभावी ढंग से सामना कर सकें।

तनाव प्रबंधन पर जोर

सीतारमण का यह बयान ऐसे समय आया जब हाल ही में अर्नेस्ट एंड यंग (ईवाई) नाम की अकाउंटिंग फर्म में काम करने वाली युवा सीए अन्ना की काम के दबाव के चलते मौत हो गई थी। अन्ना की मां ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी पर काम का अत्यधिक बोझ डाला गया, जिसने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर कर दिया। इस मामले के उजागर होने के बाद, सरकार ने उस कंपनी के काम के माहौल की जांच कराने की बात कही थी।

विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

वित्त मंत्री के इस सुझाव पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उनके बयान को नकारात्मक रूप में लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और वित्त मंत्री केवल कॉरपोरेट दिग्गजों, जैसे अडानी और अंबानी की समस्याओं को समझते हैं, लेकिन मेहनतकश युवाओं के सामने आने वाले दबाव और चुनौतियों को नजरअंदाज कर रहे हैं।

सरकार पर शोषण का आरोप

वेणुगोपाल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए सीतारमण के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा परिवारों और शिक्षण संस्थानों को बच्चों को तनाव प्रबंधन सिखाने की बात करना बेहद क्रूर है। उनका मानना है कि यह बयान अन्ना की मौत के लिए सीधे तौर पर उसके परिवार को दोषी ठहराने जैसा है। इस तरह के बयान से पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति के बजाय आरोप लगाने जैसा महसूस होता है, जिससे गुस्सा और दुख पैदा होता है।

अकाउंटिंग फर्म पर आरोप

अन्ना की मां ने ईवाई इंडिया के अध्यक्ष राजीव मुमानी को पत्र लिखते हुए कहा कि उनकी बेटी पर काम का अत्यधिक बोझ डाला गया था, जिसने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से बेहद कमजोर कर दिया। इस विवाद के सामने आने के बाद सरकार ने कंपनी के कामकाज के माहौल की जांच कराने का ऐलान किया। हालांकि, वित्त मंत्री के बयान के बाद यह मामला और अधिक तूल पकड़ गया है।

निष्कर्ष

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कॉलेज और विश्वविद्यालयों में तनाव प्रबंधन को पढ़ाने का सुझाव महत्वपूर्ण है, लेकिन विपक्ष इसे सरकार की उदासीनता और क्रूरता के रूप में देख रहा है। तनाव प्रबंधन को शिक्षा का हिस्सा बनाने की मांग बढ़ रही है, खासकर ऐसे समय में जब युवाओं पर काम का अत्यधिक दबाव देखने को मिल रहा है।

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