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उत्तर भारत में बाढ़ की तबाही: उत्तरकाशी में जलप्रलय, यूपी-बिहार में हालात बिगड़े

Weather Updates:उत्तर भारत के कई राज्यों — उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब — में भारी बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। उत्तरकाशी, प्रयागराज, वाराणसी, पटना और मुंगेर जैसे क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

उत्तरकाशी में कुदरत का कहर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मूसलधार बारिश के चलते जलप्रलय जैसी स्थिति बन गई है। खतरनाक हालात को देखते हुए मौसम विभाग ने उत्तरकाशी सहित छह जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लगातार हो रही बारिश से कई क्षेत्रों में लैंडस्लाइड और सड़कों के कटाव की सूचना भी मिली है।

यूपी-बिहार में नदियों का उफान

उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में गंगा, सरयू, टोंस, वरुणा और गोमती नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर भले ही थोड़ा घटा है, लेकिन स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। जिले में करीब 80 हजार लोग बेघर हो चुके हैं और पांच लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।वाराणसी में गंगा 97 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सभी 86 घाट जलमग्न हो चुके हैं और गलियों तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। दो लाख से अधिक की आबादी संकट में है और 7,500 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।

बिहार में हालात चिंताजनक

बिहार में भी बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पटना में गंगा नदी 1.15 मीटर ऊपर बह रही है। खगड़िया में गंगा, बूढ़ी गंडक, कोसी और बागमती सभी नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। समस्तीपुर में गंगा का जलस्तर 1.40 मीटर ऊपर है। कटिहार, मुंगेर और सहरसा में तटीय गांवों में पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है।सुपौल स्थित बराज पर कोसी का जलस्त्राव 1,79,230 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो खतरे का संकेत है। स्कूलों में पानी घुस जाने से पठन-पाठन बंद है।

फसलों और मकानों को भारी नुकसान

प्राकृतिक आपदा से फसलें भी तबाह हो रही हैं। यूपी और बिहार में अब तक करीब 1,000 एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। चित्रकूट और फतेहपुर में दर्जनों कच्चे मकान ढह चुके हैं, जिससे कई परिवार बेघर हो गए हैं।

प्रशासन और राहत एजेंसियां मुस्तैद

प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। प्रयागराज में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस की 630 जवानों की टीम तैनात की गई है। यहां 21 राहत शिविरों में अब तक 9,400 से ज्यादा पीड़ितों को शरण दी गई है। बाढ़ ग्रस्त इलाकों में 330 नावें और 28 मोटर बोट लगाई गई हैं।

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