Weather Updates: उत्तर भारत में मानसून का प्रकोप लगातार जारी है। उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब के कई जिलों में नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके चलते लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी समेत छह जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
पंजाब में सतलुज उफान पर, कई जिलों में मूसलधार बारिश
पंजाब के गुरदासपुर और शहीद भगत सिंह नगर समेत कई जिलों में मंगलवार को जोरदार बारिश हुई। हरिके हेड से सतलुज में करीब 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे फिरोजपुर में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। राज्य में लगभग 150 एकड़ धान की फसल पानी में डूब चुकी है।
बिहार में सभी प्रमुख नदियां उफान पर
बिहार में गंगा, बूढ़ी गंडक, कोसी और बागमती नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पटना के गांधी घाट पर गंगा खतरे के निशान से 1.15 मीटर ऊपर बह रही है। मनेर, हाथीदह और दानापुर जैसे क्षेत्रों में भी जलस्तर काफी ऊपर है। खगड़िया में सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है और स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित हुआ है।मुंगेर और सुपौल जैसे इलाकों में कोसी और गंगा का पानी तेजी से फैल रहा है। सहरसा में कोसी की धारा ने सड़क काट दी है, जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। समस्तीपुर और कटिहार के कई तटीय गांवों में गंगा का पानी तेजी से फैल रहा है।
प्रयागराज सबसे ज्यादा प्रभावित
उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, सरयू, टोंस, वरुणा और गोमती नदियां उफान पर हैं। प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर अब घट रहा है, लेकिन स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। शहर की 62 बस्तियां और 288 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। लगभग 80 हजार लोग बेघर हो गए हैं और 5 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।प्रशासन ने 21 राहत शिविरों की व्यवस्था की है, जहां 9,400 से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की टीमें लगी हुई हैं, जिनके पास 330 नावें और 28 मोटरबोट्स हैं।
वाराणसी और चित्रकूट में बिगड़े हालात, फसल और जान-माल का भारी नुकसान
वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 97 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। यहां सभी 86 घाट डूब चुके हैं, गलियों में नावें चल रही हैं और शवदाह घाटों पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। 2 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है और 7,500 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।चित्रकूट में यमुना के पानी से तीन दर्जन गांव घिरे हुए हैं और कई मकान ढह चुके हैं। फतेहपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, जबकि यमुना घट रही है। राज्यभर में करीब 1,000 एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। मंगलवार को वरुणा में एक युवक की डूबने से मौत हो गई, वहीं एक महिला की भी दीवार गिरने से जान गई।