Mahakumbh 2025 : महाकुंभ 2025 की तैयारी के तहत गंगा नदी को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 73.39 करोड़ रुपये की लागत से पांच महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल उपलब्ध कराना और पर्यावरण को संरक्षित करना है।
मुख्य परियोजनाएँ:
- नदी की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण: गंगा नदी में प्रदूषकों के प्रवेश को रोकने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई गई हैं। इसके तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP) की स्थापना और सुधार किया जाएगा।
- वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग: नदी के पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे पानी के प्रदूषक तत्वों का तुरंत पता लगाया जा सकेगा।
- बायोडायवर्सिटी संरक्षण: गंगा नदी में पाई जाने वाली दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए नदी के किनारों पर वृक्षारोपण और अन्य जैव विविधता संरक्षण योजनाएँ लागू की जाएंगी।
- स्वच्छता और जागरूकता अभियान: स्थानीय समुदायों और श्रद्धालुओं के बीच गंगा की सफाई और उसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे। इस अभियान में स्वच्छता को लेकर विशेष गतिविधियाँ भी शामिल होंगी।
- नदी पुनरोद्धार परियोजना: गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए नदी पुनरोद्धार परियोजनाएँ लागू की जाएंगी। इसमें पुराने जलाशयों और तालाबों का पुनरुद्धार भी शामिल है, जो गंगा के जल स्तर को बनाए रखने में मदद करेंगे।
इन परियोजनाओं का उद्देश्य केवल महाकुंभ के दौरान ही नहीं, बल्कि लंबे समय तक गंगा की स्वच्छता और प्रदूषण मुक्त स्थिति को बनाए रखना है। सरकार का यह कदम न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास है।