Ganga Dussehra 2025: आज पूरे भारत में गंगा दशहरा का पावन पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था, जिसे गंगावतरण कहा जाता है। यही कारण है कि इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।गंगा दशहरा पर गंगा स्नान, पुण्य कार्य, दान और मां गंगा की आराधना का विशेष महत्व होता है। यह दिन आध्यात्मिक रूप से इतना महत्वपूर्ण है कि माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने मात्र से दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।
गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त आज सुबह 5:25 बजे से 7:40 बजे तक रहा। इस समय के दौरान गंगा नदी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। जिन लोगों के लिए गंगा नदी तक पहुंचना संभव नहीं होता, वे घर पर स्नान करके “गंगे च यमुने चैव…” जैसे गंगा मंत्रों का उच्चारण कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।पूजा विधि में सबसे पहले मां गंगा का स्मरण करते हुए जल, फूल, रोली, चावल और दीपक अर्पित किया जाता है। इसके बाद गंगा आरती और गंगा स्तोत्र का पाठ किया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव ने मां गंगा को अपनी जटाओं में समाहित कर उन्हें पृथ्वी पर अवतरित किया, इसलिए इस दिन शिवजी की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
पौराणिक कथा
गंगा दशहरा की कथा के अनुसार, त्रेतायुग में राजा भगीरथ ने अपने पितरों की आत्मा की मुक्ति के लिए कठोर तप किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं। लेकिन गंगा का वेग इतना प्रबल था कि पृथ्वी उसे संभाल नहीं सकती थी। इसलिए भगवान शिव ने मां गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर धीरे-धीरे पृथ्वी पर प्रवाहित किया। उसी जल से राजा सगर के पुत्रों का उद्धार हुआ और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई।
गंगा दशहरा का आध्यात्मिक महत्व
‘दशहरा’ शब्द का अर्थ है – दश (दस) प्रकार के पापों का हरण करना। ये पाप तीन शारीरिक (कायिक), चार वाचिक (वाणी से) और तीन मानसिक पाप होते हैं। गंगा दशहरा पर गंगा में स्नान करने से इन दसों पापों का नाश होता है। स्कंद पुराण, पद्म पुराण और वाल्मीकि रामायण में मां गंगा की महिमा का विस्तृत वर्णन मिलता है।गंगा को केवल एक नदी नहीं, बल्कि मोक्षदायिनी देवी माना गया है। इनकी कृपा से व्यक्ति अपने सभी कष्टों से मुक्ति पाता है और जीवन में सकारात्मकता का अनुभव करता है।