Greater Noida News:पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी राहत और अवसर की खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक अत्याधुनिक एग्री एक्सपोर्ट हब स्थापित करने के लिए 50 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। यह हब फल, सब्ज़ियों और अन्य कृषि उत्पादों के प्रोसेसिंग (संस्करण), पैकेजिंग और निर्यात के लिए तैयार किया जाएगा, जिससे किसानों की उपज सीधे विदेशी बाजारों तक पहुंचेगी।
पीपीपी मॉडल पर बनेगा एग्री हब
इस परियोजना को सरकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत विकसित करेगी। इसमें निजी निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार की रियायतें भी दी जाएंगी। इससे स्थानीय किसानों को बेहतर मूल्य और बाज़ार उपलब्ध होंगे।
नोएडा एयरपोर्ट बनेगा लॉजिस्टिक केंद्र
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को केवल यात्री परिवहन ही नहीं, बल्कि कार्गो संचालन के लिए भी विकसित किया जा रहा है। यह एयरपोर्ट दुग्ध उत्पादों, फल-सब्जियों और अन्य कृषि उत्पादों को तेजी से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने में सक्षम होगा। इससे ट्रांसपोर्टेशन लागत कम होगी और उत्पादों की गुणवत्ता बनी रहेगी।
इन लाभों से समृद्ध होंगे किसान
अधिक आमदनी: विदेशी बाजार में उपज बेचने पर किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा।
रोजगार के अवसर: प्रोसेसिंग यूनिट, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स से जुड़े हजारों रोजगार उत्पन्न होंगे।
कृषि तकनीक में सुधार: आधुनिक तकनीक और प्रबंधन से किसानों को नई विधियों की जानकारी मिलेगी।
ग्लोबल एक्सपोजर: किसानों को अपनी उपज को वैश्विक मानकों पर तैयार करने का मौका मिलेगा।
इन क्षेत्रों को होगा विशेष लाभ
गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मेरठ, हापुड़, बागपत और आसपास के जिलों के किसान इस एग्री एक्सपोर्ट हब से सबसे ज़्यादा लाभान्वित होंगे। सरकार इस क्षेत्र को ‘कृषि निर्यात क्लस्टर’ के रूप में विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
सरकार की रणनीति
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके और वे वैश्विक बाजार में अपनी जगह बना सकें। इस हब के जरिए सरकार डबल इनकम फार्मर्स के विजन को भी गति देना चाहती है।