नई दिल्ली: देश में दालों की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने जमाखोरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर अरहर (तूर) और चना दाल पर स्टॉक सीमा लागू करने की घोषणा की। इस कदम का उद्देश्य जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी पर लगाम लगाना और उपभोक्ताओं को किफायती दर पर दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
सरकार ने आदेश में क्या कहा ?
सरकार के आदेश के अनुसार, थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन, प्रत्येक खुदरा दुकान पर 5 मीट्रिक टन और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 मीट्रिक टन की स्टॉक सीमा तय की गई है। मिल मालिकों के लिए स्टॉक की लिमिट उत्पादन के अंतिम 3 महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता के 25 फीसदी में से जो भी ज्यादा हो, वही लागू होगी। आयातकों को सीमा शुल्क निकासी की तारीख से 45 दिनों से अधिक समय तक आयातित स्टॉक को अपने पास रखने की अनुमति नहीं होगी।
कब से लागू हुई स्टॉक की यह सीमा?
सरकार का कहना है कि स्टॉक की यह सीमा 21 जून से लागू हो गई है और 30 सितंबर 2024 तक प्रभावी रहेगी। यह आदेश अरहर (तूर) दाल, चना दाल और काबुली चना पर लागू होता है। संबंधित व्यापारियों, मिल संचालकों और आयातकों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें अपने स्टॉक की जानकारी उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध करानी होगी और यदि उनके पास स्टॉक की निर्धारित सीमा से अधिक माल है, तो उन्हें 12 जुलाई 2024 तक उसे नई सीमा के दायरे में लाना होगा।
सरकार ने पहले भी कई कदम उठाए
सरकार ने दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पहले भी कई कदम उठाए हैं। 4 मई 2024 से सरकार ने देसी चने पर 66 प्रतिशत आयात शुल्क को कम किया था, जिससे आयात में सुविधा हुई है। प्रमुख उत्पादक देशों में चने की बुवाई में वृद्धि होने के संकेत मिल रहे हैं, जैसे ऑस्ट्रेलिया में चना का उत्पादन पिछले साल के 5 लाख टन से बढ़कर 2024-25 में 11 लाख टन होने का अनुमान है। पूर्वी अफ्रीकी देशों से अगस्त महीने से अरहर का आयात शुरू होने की उम्मीद है।
आने वालें दिनों में बढ़ोतरी संभव
घरेलू स्तर पर किसानों को अच्छी कीमत मिलने और अच्छे मानसून की उम्मीद से तूर और उड़द जैसी खरीफ दालों की बुआई में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे आने वाले महीनों में दालों की कीमतों में कमी आ सकती है। ऑस्ट्रेलिया से आपूर्ति शुरू होने से चना दाल की कीमतों में भी नरमी की उम्मीद है।