You are currently viewing गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा 2025: तैयारी ज़ोरों पर, सीएम योगी अर्चना में रहेंगे विशेष रूप से शामिल

गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा 2025: तैयारी ज़ोरों पर, सीएम योगी अर्चना में रहेंगे विशेष रूप से शामिल

Guru Purnima 2025 Celebration in Gorakhnath Math: गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा महोत्सव 2025 के आयोजन की तैयारियाँ अब तक जोरों पर हैं। इस बार का आयोजन विशेष रूप से भव्य रूप लेने जा रहा है: 4 जुलाई से 10 जुलाई तक मंदिर परिसर में सप्त दिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ किया जाएगा। प्रयागराज से पधारे कथाव्यास आचार्य श्री शान्तनु जी महाराज श्रद्धालुओं को प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक कथा से आ dicho करेंगे

मुख्य पर्व 10 जुलाई को: सुबह से रोट अर्पण और विशेष पूजा-अर्चना

मुख्य पर्व गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई की सुबह 5 बजे से 6 बजे तक मंदिर में परंपरागत ‘रोट अर्पण’ के साथ होगा, जिसमें महायोगी गोरखनाथ जी सहित सभी देव-विग्रहों, समाधि स्थलों की विशेष पूजा व आरती आयोजित होगी । इस विशिष्ट अनुष्ठान के पश्चात प्रातः 11:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का मुख्य समारोह होगा, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए भजन, पूजा-अर्चना और भंडारा का आयोजन रखा गया है

सीएम योगी आदित्यनाथ होंगे मुखर रूप से शामिल

इस मौक़े पर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे। वे श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देंगे, शिष्यों को तिलक लगाएंगे और गुरु-शिष्य परंपरा को सम्पन्न करेंगे । इस अवसर पर वे सभी देवियों और गुरु समाधियों का विधिपूर्वक पूजन करेंगे और रुद्राभिषेक के साथ शिव-कल्याण की कामना करेंगे

गोसेवा और भक्ति की जीवंत झलक

पिछले वर्षों की तरह इस बार भी सीएम योगी मंदिर परिसर की गोशाला में पहुंचकर गोसेवा करेंगे और गौवंश को गुड़ खिलाएंगे—a परंपरा जो भक्ति और सेवा भाव के प्रतीक है । यह दर्शाता है कि धार्मिक आचरण के साथ साथ सेवा और संरक्षण को भी महत्व दिया जा रहा है।

आयोजन की संरचना: समर्पित श्रद्धा से

4–10 जुलाई: श्रीराम कथा — प्रतिदिन 3 से 6 बजे तक, पूर्णाहुति 10 जुलाई सुबह है
10 जुलाई सुबह 5–6 बजे: रोट अर्पण व देव-विग्रहों की पूजन-आरती
10 जुलाई 11:30–12:30: मुख्य समारोह—भजन, पूजा, भंडारा
भीष्म पूजन: सीएम योगी की नेतृत्व में नाथ‑पंथ गुरुओं की विशिष्ट पूजा, शिष्यों को आशीर्वचन, गोसेवा

Spread the love

Leave a Reply