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Gyanesh Kumar होंगे देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त, कांग्रेस ने उठाई आपत्ति

CEC Gyanesh Kumar:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई चयन समिति की बैठक में ज्ञानेश कुमार को देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति की घोषणा की गई। इस बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। इसके बाद, कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर उनकी नियुक्ति को औपचारिक रूप से मंजूरी दी। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने इस नियुक्ति पर अपनी आपत्ति जताई है और इसे असंवैधानिक करार दिया है।

कांग्रेस की आपत्ति: संविधान की भावना का उल्लंघन

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि सरकार ने आधी रात को इस नियुक्ति की अधिसूचना जारी की, जो संविधान की भावना के खिलाफ है। उनका कहना था कि उच्चतम न्यायालय ने कई मौकों पर यह स्पष्ट किया है कि चुनावी प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को निष्पक्ष होना चाहिए। इसके साथ ही, केसी वेणुगोपाल ने यह भी आरोप लगाया कि संशोधित कानून में मुख्य न्यायाधीश को सीईसी चयन समिति से हटा दिया गया है, और सरकार को 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक इस नियुक्ति पर इंतजार करना चाहिए था।

कांग्रेस ने सरकार के फैसले को असंवैधानिक बताया

कांग्रेस ने ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लगने के बाद इसे असंवैधानिक करार दिया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन बताया। कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार ने न केवल उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किया है, बल्कि लोकतंत्र की भावना को भी नकारा है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 फरवरी को इस विषय पर सुनवाई का निर्णय लिया था, ऐसे में सरकार को इस बैठक को स्थगित करना चाहिए था।

ज्ञानेश कुमार की योग्यताएं और परिवार का योगदान

ज्ञानेश कुमार, जो केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, 19 फरवरी 2025 से देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालेंगे। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक होगा। ज्ञानेश कुमार ने कानपुर आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की है और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एनवायरमेंटल इकोनॉमिक्स में शिक्षा ग्रहण की है। उनके परिवार में आईएएस अधिकारियों की लंबी परंपरा है। उनकी बड़ी बेटी मेधा रुपम वर्तमान में कासगंज जिले की डीएम हैं, जबकि उनके पति सहारनपुर में डीएम के पद पर तैनात हैं। उनकी छोटी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं, और उनके पति अक्षय लाबरू भी आईएएस अधिकारी हैं।

कांग्रेस का दावा: सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

कांग्रेस ने सरकार की इस नियुक्ति को लेकर तगड़ी आपत्ति जताई है, और आरोप लगाया है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है, और कांग्रेस का कहना है कि सरकार को उस सुनवाई के बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए था।

नियुक्ति को लेकर बढ़ी राजनीतिक बहस

ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति के बाद, यह मुद्दा राजनीतिक हलकों में गर्म हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने इसे संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बताया, जबकि सरकार ने इसे लोकतंत्र की मजबूती और चुनावी प्रक्रिया की स्वच्छता के लिए एक उचित कदम बताया है।

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