सऊदी अरब में इस साल भीषण गर्मी कहर बनकर आई है। हज यात्रा के दौरान 1300 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है, और हर दिन मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।
सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री फहद बिन अब्दुर्रहमान अल-जलाजेल ने बताया कि मरने वालों में 83 प्रतिशत बिना पंजीकृत के आए तीर्थयात्री थे, जो पवित्र शहर मक्का और उसके आसपास हज की रस्में निभाने के लिए लंबी दूरी तय करते थे। मंत्री ने कहा कि 95 तीर्थयात्रियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ को राजधानी रियाद में इलाज के लिए हवाई मार्ग से ले जाया गया।
मृतकों की पहचान में क्यों हुई देरी ?
मंत्री ने बताया कि मृतकों की पहचान प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि उनमें से कई के पास पहचान संबंधी कोई दस्तावेज नहीं थे। मृतकों को मक्का में दफनाया गया है। मृतकों में 660 से अधिक मिस्र के लोग शामिल हैं। काहिरा में दो अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 31 को छोड़कर बाकी सभी अनधिकृत तीर्थयात्री थे।
16 ट्रैवल एजेंसियों के लाइसेंस रद्द
मिस्र ने 16 ट्रैवल एजेंसियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं, जिन्होंने अनधिकृत तीर्थयात्रियों को सऊदी अरब की यात्रा करने में मदद की थी। मिस्र ने इस साल 50,000 से ज्यादा अधिकृत तीर्थयात्रियों को सऊदी अरब भेजा था।
चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए कोई होटल नहीं था
सऊदी अधिकारियों ने अनधिकृत तीर्थयात्रियों पर कार्रवाई की, जिसमें हजारों लोगों को निकाला गया। लेकिन कई, ज़्यादातर मिस्र के लोग, मक्का और उसके आस-पास के पवित्र स्थलों तक पहुंचने में कामयाब रहे। अनधिकृत तीर्थयात्रियों के पास चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए कोई होटल नहीं था।
मिस्र की सरकार ने जारी किया बयान
मिस्र की सरकार ने बयान में कहा कि 16 ट्रैवल एजेंसियां तीर्थयात्रियों को पर्याप्त सेवाएं प्रदान करने में विफल रहीं। इन एजेंसियों ने अवैध रूप से तीर्थयात्रियों को सऊदी अरब की यात्रा की सुविधा दी थी, जिसका इस्तेमाल ऐसे वीजा पर किया गया जो धारकों को मक्का की यात्रा करने की अनुमति नहीं देता।
एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, मरने वालों में इंडोनेशिया के 165, भारत के 98 और जॉर्डन, ट्यूनीशिया, मोरक्को, अल्जीरिया और मलेशिया के दर्जनों तीर्थयात्री शामिल हैं। दो अमेरिकी नागरिकों के भी मरने की खबर है।