Hartalika Teej: हरतालिका तीज व्रत आज, 6 सितंबर शुक्रवार को मनाया जा रहा है। यह पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार तीज के दिन रवि योग, शुक्ल योग और ब्रह्म योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं, जो इस व्रत को और भी विशेष बना देते हैं। सुहागन महिलाएं इस दिन सरगी खाकर निर्जला व्रत रखती हैं, जो अगले दिन सूर्योदय तक बिना जल और अन्न ग्रहण किए संपन्न होता है।
तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
इस साल हरतालिका तीज के लिए दो शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं, एक सुबह और दूसरा शाम को। सुबह का मुहूर्त 6:02 बजे से 8:33 बजे तक है, जबकि शाम का मुहूर्त 6:36 बजे के बाद से है। ब्रह्म मुहूर्त 4:30 बजे से 5:16 बजे तक और अभिजीत मुहूर्त 11:54 बजे से 12:44 बजे तक रहेगा। इसके अलावा लाभ-उन्नति, अमृत और शुभ मुहूर्त भी दिए गए हैं, जो व्रत की पूजा के लिए उपयुक्त समय माने जाते हैं।
शिव-पार्वती की पूजा से अखंड सौभाग्य की कामना
पूजा के दौरान शिवजी और माता पार्वती के विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। शिवजी के लिए पंचाक्षरी मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का उच्चारण किया जाता है, जबकि माता पार्वती के लिए ‘या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता’ मंत्र का जाप किया जाता है। इसके अलावा हरतालिका तीज की कथा और शिव-पार्वती की आरती भी अनिवार्य रूप से की जाती है।
तृतीया तिथि और विशेष नक्षत्र
इस बार हरतालिका तीज की तृतीया तिथि का प्रारंभ 5 सितंबर को दोपहर 12:21 बजे हुआ था और इसका समापन 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे होगा। तीज के दिन हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग बना हुआ है, जो इसे और भी शुभ बनाता है। द्वितीया तिथि पितरों के लिए मानी जाती है, जबकि चतुर्थी तिथि पुत्र के लिए शुभ होती है, इसलिए इस बार की तृतीया अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जा रही है।
शुभ योग और तिथि
तीज के दिन बनने वाले शुभ योगों में रवि योग, शुक्ल योग और ब्रह्म योग शामिल हैं। रवि योग का समय आज सुबह 9:25 बजे से कल सुबह 6:02 बजे तक रहेगा। शुक्ल योग प्रातःकाल से सुबह 10:15 बजे तक है और उसके बाद ब्रह्म योग पूर्ण रात्रि तक जारी रहेगा। ये सभी योग व्रत को विशेष फलदायी बनाते हैं।