हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं, और अब सभी की नजरें चुनाव परिणामों पर टिकी हैं। जल्द ही चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे, लेकिन उससे पहले विभिन्न एग्जिट पोल्स ने संभावित परिणामों का अनुमान लगाया है। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन की सरकार बनने की भविष्यवाणी की जा रही है, जबकि हरियाणा में कांग्रेस के सत्ता में लौटने का दावा किया जा रहा है।
बृजभूषण शरण सिंह का बयान
चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के नेता भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। इस बीच, भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता बृजभूषण शरण सिंह का भी बयान सामने आया है। उनसे जब पूछा गया कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में किस पार्टी की सरकार बनेगी, तो उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में हमें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनेगी।”
हालांकि, जब हरियाणा के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “हरियाणा पर बोलना मना है।” उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में चर्चा पैदा कर दी है।
पहलवानों के खिलाफ बयानबाजी से दूरी
दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के खिलाफ बयानबाजी से दूर रहने की सलाह दी थी। इस निर्देश का कारण यह है कि बृजभूषण ने दोनों पहलवानों को कांग्रेस में शामिल होने पर निशाना बनाया था। उन्होंने कहा था कि विनेश और बजरंग ने कुश्ती में नाम कमाया है, लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनका यह नाम मिट जाएगा।
बृजभूषण शरण सिंह ने आरोप लगाया कि विनेश फोगाट ने कुश्ती को बदनाम किया है और कहा कि विनेश और बजरंग ने कुश्ती के वातावरण को खराब किया है। उन्होंने कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया कि पार्टी ने हरियाणा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए विनेश और बजरंग का मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया है।
पिछले विवाद का जिक्र
यह उल्लेखनीय है कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया उन प्रमुख पहलवानों में से हैं जिन्होंने बृजभूषण शरण सिंह पर जूनियर महिला पहलवानों के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके विरोध में पिछले साल दिल्ली के जंतर-मंतर पर विनेश और अन्य पहलवानों ने धरना दिया था। इस घटना के बाद भारतीय कुश्ती जगत में काफी हलचल मच गई थी, और बृजभूषण शरण सिंह की भूमिका को लेकर व्यापक आलोचना हुई थी।
इस पूरे मामले ने राजनीतिक और खेल दोनों जगत में चर्चा का विषय बना दिया है, और अब हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव परिणामों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।