Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा 67 उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद पार्टी में असंतोष और बगावत शुरू हो गई है। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया, और पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
सावित्री जिंदल का बड़ा फैसला: निर्दलीय लड़ेंगी चुनाव
देश की चौथी सबसे अमीर महिला और हरियाणा की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने भाजपा से टिकट न मिलने के बाद हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। सावित्री ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं और चुनाव न लड़ने के बारे में सोच रही थी, लेकिन आपके प्यार और समर्थन को देखते हुए मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया है।” यह ऐलान भाजपा की उम्मीदवारी प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है और पार्टी के भीतर असंतोष को दर्शाता है।
नवीन जिंदल की प्रतिक्रिया: पार्टी और मां दोनों का सम्मान
कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद और उद्योगपति नवीन जिंदल ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी। न्यूज 18 के साथ बातचीत में नवीन जिंदल ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने टिकट वितरण में सभी पहलुओं पर विचार किया है। उन्होंने कहा, “हर जगह कई उम्मीदवार टिकट की उम्मीद रखते हैं, लेकिन पार्टी की मजबूरी होती है कि एक ही व्यक्ति को टिकट दे सकती है।” अपनी मां सावित्री जिंदल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले पर उन्होंने कहा, “मैं पार्टी के फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन मां के फैसले का भी पूरा सम्मान है। वह हिसार की सेवा करना चाहती हैं, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है।”
हिसार की जनता के लिए चुनाव लड़ेंगी सावित्री जिंदल
सावित्री जिंदल ने स्पष्ट किया कि वह हिसार की जनता की सेवा करना चाहती हैं और उन्हीं की इच्छा के अनुसार चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान वह केवल अपने बेटे नवीन जिंदल का प्रचार करने गई थीं और उन्होंने भाजपा कभी ज्वाइन नहीं की थी। उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि वे भाजपा के साथ जुड़ाव नहीं रखतीं और हिसार की जनता के प्रति उनकी निष्ठा है।
हिसार में सावित्री जिंदल और भाजपा के बीच होगा सीधा मुकाबला
अगर सावित्री जिंदल हिसार सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं, तो उनका मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार डॉ. कमल गुप्ता से होगा। हिसार की जनता किसे समर्थन देती है, यह देखना दिलचस्प होगा। सावित्री जिंदल के इस फैसले से भाजपा को किस हद तक नुकसान होगा, यह आगामी चुनाव परिणाम ही बताएंगे।
भाजपा में असंतोष: कई नेताओं ने जताया विरोध
भाजपा की उम्मीदवार सूची जारी होते ही कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने असंतोष व्यक्त किया है। कुछ ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस्तीफा दिया है, जो पार्टी के भीतर आंतरिक कलह का संकेत देता है। यह असंतोष चुनाव के दौरान पार्टी की स्थिति को कमजोर कर सकता है और निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए रास्ता खोल सकता है।
सावित्री जिंदल का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ ला सकता है। उनके इस कदम का हिसार और पूरे हरियाणा में क्या असर पड़ेगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।