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निमिषा प्रिया की फांसी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई..केंद्र से हस्तक्षेप की मांग तेज

Nimisha Priya News: यमन में भारतीय नागरिकों के लिए बढ़ती चुनौती के बीच केरल की एक नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के प्रयासों में तेजी आ गई है। यमन की अदालत ने उन्हें एक स्थानीय नागरिक की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। इस गंभीर फैसले के बाद भारत में इस मुद्दे को लेकर सामाजिक, राजनैतिक और न्यायिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई 2025 को फांसी दिए जाने की आशंका है, जिसे देखते हुए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ता की ओर से केंद्र सरकार से अपील की गई है कि वह कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप कर फांसी की प्रक्रिया को रोके और निमिषा की जान बचाने की दिशा में कदम उठाए।

केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने पीएम से आग्रह किया है कि भारत सरकार यमन सरकार से बात करके राजनयिक समाधान निकाले, ताकि एक भारतीय नागरिक की जान बचाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि इस तरह के मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाना बेहद जरूरी है और भारत को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार को यह भी याद दिलाया कि देश का संविधान प्रत्येक नागरिक की रक्षा की गारंटी देता है, चाहे वह किसी भी देश में हो।

परिवार और सामाजिक संगठनों की अपील

निमिषा प्रिया के परिवार, मानवाधिकार संगठनों, और कई राजनीतिक दलों ने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उच्च स्तरीय राजनयिक प्रयास करने की मांग की है। उनका कहना है कि निमिषा आत्मरक्षा में फंसी और हत्या जानबूझकर नहीं की गई थी। इसलिए उस पर दया दिखाई जाए और माफी की प्रक्रिया अपनाई जाए।

विदेश मंत्रालय ने कहा – हम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह निमिषा प्रिया के मामले से जुड़े हर घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखे हुए है और यमन में स्थित भारतीय दूतावास इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार हरसंभव सहायता देने को तैयार है, चाहे वह कानूनी सहायता हो या राजनयिक संपर्क।

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