Weather Update:भारत मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि अगले तीन दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। इस सूची में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश शामिल हैं। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी भरी हवाओं के चलते बारिश का यह सिलसिला और भी तेज हो सकता है।इन इलाकों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और स्थानीय स्तर पर बाढ़ जैसी समस्याओं की आशंका है। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।मध्य भारत में भी भारी बारिश की संभावनाउत्तर भारत के साथ-साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में भी अगले कुछ दिनों तक तेज और मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान है। विशेष रूप से मध्य प्रदेश के कई जिलों में अगले 24 घंटे में अत्यंत भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है।ग्वालियर संभाग में 9 और 10 जुलाई को भारी बारिश होने के आसार हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में भी मंगलवार को भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में फिलहाल मानसून धीमा
इस दौरान बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून की स्थिति थोड़ी कमजोर बनी हुई है। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दो-तीन दिनों में जब मानसून थोड़ा उत्तर की ओर बढ़ेगा, तो इन क्षेत्रों में भी वर्षा की गति तेज हो सकती है।इस समय झारखंड और ओडिशा में बंगाल की खाड़ी से नमी मिल रही है, जिससे इन इलाकों में लगातार बारिश हो रही है, लेकिन मंगलवार से इसमें कमी आ सकती है।
दिल्ली-एनसीआर का मौसम
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काइमेट के अनुसार, दिल्ली और एनसीआर में बारिश का सिलसिला शाम से शुरू होकर देर रात तक जारी रह सकता है। हरियाणा के आसपास बना निम्न दबाव का क्षेत्र और पंजाब से लेकर विदर्भ तक बनी ट्रफ लाइन बारिश को और भी व्यापक बना रही है।इन दोनों कारकों के चलते दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश तक के क्षेत्रों में अगले 72 घंटों तक भारी बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भी मूसलाधार बारिश
उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में भी मौसम की मार जारी है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे भूस्खलन और सड़कें बंद होने की घटनाएं हो सकती हैं।जम्मू-कश्मीर में भी मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थानीय प्रशासन को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

