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हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन का कहर.. 344 सड़कें बंद, फिर बढ़ेंगी मुश्किलें

Himachal Weather:हिमाचल प्रदेश इन दिनों फिर से प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। बीते कुछ दिनों से प्रदेश में लगातार भारी वर्षा और भूस्खलन के चलते जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 55 घंटे तक नेशनल हाईवे-707 जाम रहने के बाद बुधवार को इसे बहाल कर दिया गया, लेकिन अब भी 344 सड़कें बंद हैं, जिनमें एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल है।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने 26 जुलाई तक कुछ राहत की उम्मीद जताई है, लेकिन यह राहत अस्थायी साबित हो सकती है। 27 जुलाई से फिर से मानसून के सक्रिय होने की संभावना जताई गई है। विभाग के मुताबिक, 24 से 26 जुलाई तक राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि 27 से 29 जुलाई तक भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया गया है, विशेष रूप से कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों के लिए।

शिमला और चौपाल में बड़ा नुकसान

राजधानी शिमला के ढली सुरंग के पास एक डंगा गिरने की घटना सामने आई है। इससे दो मकानों को नुकसान पहुंचा और पास की इमारत की निचली मंजिल में मलबा भर गया, जिससे खिड़कियों और शीशों को नुकसान हुआ और अंदर रखा सामान भी खराब हो गया।वहीं, चौपाल में एक संपर्क मार्ग पर सड़क धंसने से सेब से भरी पिकअप गाड़ी नाले में जा गिरी, जिससे चालक घायल हो गया। उसे IGMC शिमला रेफर किया गया है।

सोलन और मंडी में भी तबाही

सोलन जिले के कायलर क्षेत्र में मंगलवार रात एक विशालकाय पत्थर पहाड़ी से लुढ़क कर एक मैकेनिक की दुकान में घुस गया। इससे दो मशीनें और एक कार को भारी नुकसान हुआ।मंडी जिले में कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर स्थित पंडोह के कैंचीमोड़ पर बनी रिटेनिंग वॉल में दरार आ गई है, जिससे रास्ता अवरुद्ध होने का खतरा बना हुआ है।

ट्रांसफार्मर और पेयजल योजनाएं भी ठप

वर्षा और भूस्खलन से केवल सड़कें ही नहीं, बल्कि बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। राज्यभर में 169 ट्रांसफार्मर और 230 पेयजल योजनाएं पूरी तरह से बंद हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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