Rudraprayag News : उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में शुक्रवार रात को हुई मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी। विशेषकर अगस्त्यमुनि क्षेत्र और आस-पास के गांवों में अतिवृष्टि के चलते कई घरों और संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है।बगरधार गांव में चार मकान पूरी तरह मलबे में दब गए, जबकि एक दर्जन से अधिक घरों में मलबा और बारिश का पानी घुस गया। हालात इतने गंभीर हो गए कि कुछ क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा।
प्रशासन अलर्ट पर
प्रभावित परिवारों के लिए स्थानीय पंचायत भवन में अस्थाई आश्रय की व्यवस्था की गई है। प्रशासन की ओर से राजस्व विभाग और नगर पंचायत की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और क्षति का आकलन कर रही हैं।
स्थानीय विधायक ने भी आपदा राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। राशन, दवाइयां और अन्य जरूरी वस्तुएं प्रभावित लोगों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।
धान्यू, नाकोट और बैंक कॉलोनी में भी हालात खराब
धान्यू गांव, नाकोट, और बैंक कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में भी पानी और मलबा घरों में घुस गया है। बारिश के कारण आवासीय भवनों की सुरक्षा दीवारें टूट गईं, जिससे जान-माल का खतरा बढ़ गया।कुछ परिवारों के घरेलू पशु, गोशालाएं और खेतों की मेढ़ें भी बह गईं हैं, जिससे आर्थिक नुकसान की भरपाई करना ग्रामीणों के लिए मुश्किल होगा।
रूमसी और गिंवाली की कृषि भूमि को भारी नुकसान
रूमसी गांव में तो हालात और भी चिंताजनक हैं। यहां अतिवृष्टि के कारण सैकड़ों नाली कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। वहीं आसपास के गिंवाली, सौडी और सिलकोट जैसे क्षेत्रों में भी भारी बारिश से पेयजल लाइनों, सिंचाई नहरों और सड़क मार्गों को क्षति पहुंची है।कई ग्रामीणों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे उनकी आजीविका पर सीधा असर पड़ा है।
बाईपास का मलबा बना परेशानी का कारण
अगस्त्यमुनि बाईपास निर्माण के लिए जो मलबा डंप किया गया था, वह बारिश के कारण बहकर आवासीय इलाकों में घुस गया, जिससे संकट और बढ़ गया। लोगों के घरों में घुटनों तक मलबा जमा हो गया और कई घरों के भीतर की दीवारें भी कमजोर हो गई हैं।
क्या कर रही है प्रशासनिक मशीनरी?
प्रशासन द्वारा राहत एवं पुनर्वास कार्य तेज़ी से किए जा रहे हैं। सभी प्रभावित क्षेत्रों में सफाई अभियान, जल निकासी कार्य, और अस्थाई आवास की व्यवस्था प्राथमिकता पर की जा रही है। साथ ही राहत मुआवजा को लेकर भी जल्द घोषणा की जा सकती है।