Himachal Disaster:हिमाचल प्रदेश में मानसून के चलते इस बार भारी तबाही देखने को मिल रही है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने राज्य के कई जिलों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। शिमला, बिलासपुर और सोलन जैसे क्षेत्रों में कई जगहों पर भारी नुकसान दर्ज किया गया है। भारी वर्षा के कारण न केवल सड़कें और पुल टूट गए हैं, बल्कि कई घर भी ढह गए हैं।
अब तक 106 मौतें, 1000 करोड़ से अधिक का नुकसान
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, इस मानसून सीज़न में अब तक 106 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 62 मौतें सीधे बारिश जनित आपदाओं – जैसे भूस्खलन, मकान गिरना, और पानी में बहना – के कारण हुई हैं। राज्य सरकार ने इस भारी नुकसान का शुरुआती आंकलन करते हुए बताया है कि अब तक 1000 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हो चुका है।
मौसम विभाग का यलो अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने 16 जुलाई को चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में आंधी के साथ भारी वर्षा की संभावना जताते हुए यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश में इसी तरह बारिश जारी रह सकती है और 21 जुलाई तक राहत की कोई संभावना नहीं है।लगातार हो रही बारिश के चलते प्रदेश में तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। अधिकांश जिलों में अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस की कमी देखी गई है। हालांकि, ऊना और धौलाकुआं में तापमान अब भी 32.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है, जो राज्य में सर्वाधिक है।
सड़कें बंद, यातायात पर असर
भारी बारिश की वजह से कई मुख्य सड़कें और राजमार्ग बाधित हो गए हैं। शिमला और सोलन जिलों में भूस्खलन की घटनाओं ने हालात और गंभीर बना दिए हैं। लोक निर्माण विभाग और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बहाली कार्यों में लगी हैं, लेकिन लगातार बारिश की वजह से कार्यों में बाधा आ रही है।
सरकार की अपील: सतर्क रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें
राज्य सरकार ने लोगों से गैर-जरूरी यात्रा से बचने और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने की अपील की है। पर्यटकों को हिदायत दी गई है कि वे भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें और यात्रा से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें। प्रशासन सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी ला रहा है।