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पहलगाम आतंकी हमले के बाद हाई-लेवल मीटिंग: पीएम मोदी ने की समीक्षा, पाकिस्तान के खिलाफ रणनीति पर चर्चा

Pahalgam terror attack:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने त्वरित और कठोर प्रतिक्रिया देते हुए एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई। इस हमले ने देश की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को गंभीर चिंता में डाल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस मामले की समीक्षा करते हुए एक आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें देश की सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में मौजूद रहे देश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी

इस उच्चस्तरीय बैठक में थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। इनके अलावा गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य हमले की पूरी जानकारी लेना, सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करना और भविष्य की रणनीति तैयार करना था।

पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदमों पर विचार

बैठक के दौरान पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति को लेकर गंभीर चर्चा हुई। भारत सरकार ने इस हमले को लेकर पाकिस्तान पर स्पष्ट रूप से आरोप लगाया है और कहा है कि आतंकियों को सीमा पार से समर्थन मिल रहा है। पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की बात को मजबूती से रखा जाए।

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ राजनयिक और सैन्य स्तर पर कार्रवाई की संभावनाएं तलाशी गईं। इसके अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर भी जोर दिया गया। सेना और अर्धसैनिक बलों को अलर्ट पर रखा गया है।

आतंकी हमलों पर जीरो टॉलरेंस की नीति

प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में सहन नहीं करेगा और ऐसी घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और साजिशकर्ताओं तक पहुंचकर उन्हें बेनकाब किया जाए।

सुरक्षा और कूटनीति दोनों स्तरों पर सक्रिय भारत

इस हमले के बाद भारत सरकार दोहरे मोर्चे पर काम कर रही है – एक ओर आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है। पीएम मोदी की अगुवाई में हुई यह बैठक इस बात का संकेत है कि भारत किसी भी आतंकी घटना को हल्के में नहीं लेता और उसका जवाब पूरी ताकत और रणनीति के साथ देता है।

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