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LPG गैस सिलेंडर की कीमत में वृद्धि और पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में इज़ाफ़ा: उज्ज्वला योजना पर प्रभाव

LPG News: हाल ही में, एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की वृद्धि की गई है, जबकि पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर का इज़ाफ़ा हुआ है। इन बढ़ोतरीयों के कारण भारतीय उपभोक्ताओं को फिर से महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड तेल के सस्ता होने के बावजूद, ओएमसी (ऑयल मार्केटिंग कंपनियों) को एलपीजी की बिक्री में भारी घाटा हुआ है। आइए जानते हैं इस वृद्धि के पीछे के कारण और उज्ज्वला योजना पर इसके प्रभाव को।

एलपीजी गैस की कीमतों में वृद्धि

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में इस बात का खुलासा किया कि एलपीजी गैस की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सउदी सीपी (Saudi CP) की कीमतों में भारी उछाल है। जुलाई 2024 में सउदी सीपी की कीमत 385 डॉलर प्रति टन थी, जबकि फरवरी 2025 तक यह बढ़कर 629 डॉलर प्रति टन हो गई। इस बढ़ोतरी के चलते ओएमसी को भारी घाटा हुआ है, जो अभी तक इस घाटे को अपनी तरफ से उठा रही थीं।

इसके कारण एलपीजी गैस की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे उपभोक्ताओं को और अधिक महंगी गैस सिलेंडर मिल रही है। इसके अलावा, ओएमसी को यह घाटा पाटने के लिए अब कीमतों में इज़ाफ़ा करना पड़ रहा है। इससे न सिर्फ आम उपभोक्ता पर असर पड़ रहा है, बल्कि गरीब और निम्न आय वर्ग के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि

एलपीजी गैस की कीमतों के साथ-साथ, पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में भी 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी एक और झटका है, जो सीधे तौर पर वाहन मालिकों और ट्रांसपोर्ट क्षेत्र को प्रभावित करेगी। इससे न केवल दैनिक जीवन की वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, बल्कि परिवहन लागत भी अधिक हो सकती है, जो अंततः उपभोक्ताओं तक पहुंचती है।

ओएमसी का घाटा और अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति

अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर भारतीय पेट्रोलियम कंपनियों पर पड़ता है। जब क्रूड की कीमतें सस्ती होती हैं, तो ओएमसी को अपेक्षाकृत कम लागत पर तेल मिलता है, लेकिन जब कीमतें बढ़ती हैं, तो उनका मुनाफा घटता जाता है। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय उपभोक्ताओं को कीमतों में वृद्धि का सामना करना पड़ता है। पेट्रोलियम मंत्री पुरी के अनुसार, ओएमसी ने इस वृद्धि का बोझ काफी समय तक अपने ऊपर उठाया, लेकिन अब इसे उपभोक्ताओं पर डालना पड़ा।

उज्ज्वला योजना पर प्रभाव

उज्ज्वला योजना, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब परिवारों को रियायती दरों पर एलपीजी कनेक्शन देने के लिए शुरू किया था, पर भी इन कीमतों की बढ़ोतरी का असर पड़ सकता है। योजना का उद्देश्य गरीबों को स्वच्छ और सुरक्षित ईंधन मुहैया कराना है, लेकिन एलपीजी की बढ़ती कीमतें इस योजना के लाभार्थियों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। यदि ओएमसी को सरकार से अधिक सहायता मिलती है, तो संभव है कि उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर की कीमतों में राहत देने के प्रयास किए जाएं, लेकिन यह समय की बात होगी।

एक मजबूरी बन गई

एलपीजी गैस और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से भारतीय उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों के उतार-चढ़ाव के कारण ओएमसी को घाटा हो रहा है, जिससे कीमतों में वृद्धि करना एक मजबूरी बन गई है। वहीं, उज्ज्वला योजना जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों पर भी इसका असर पड़ सकता है, क्योंकि महंगाई गरीबों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकती है।

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